Saturday, April 26, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. अमेरिका ने टीसीएस और इंफोसिस पर एच 1 बी वीजा नियमों का उल्लंघन करने का लगाया आरोप

अमेरिका ने टीसीएस और इंफोसिस पर एच 1 बी वीजा नियमों का उल्लंघन करने का लगाया आरोप

अमेरिका ने शीर्ष भारतीय आईटी कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस पर लॉटरी प्रणाली में ज्यादा टिकट डाल कर एच 1 बी वीजा का एक बड़ा हिस्सा हथियाने का आरोप लगाया है।

Dharmender Chaudhary
Published : April 24, 2017 15:33 IST
अमेरिका ने टीसीएस और इंफोसिस पर एच 1 बी वीजा नियमों का उल्लंघन करने का लगाया आरोप
अमेरिका ने टीसीएस और इंफोसिस पर एच 1 बी वीजा नियमों का उल्लंघन करने का लगाया आरोप

वाशिंगटन। अमेरिका ने शीर्ष भारतीय आईटी कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस पर लॉटरी प्रणाली में ज्यादा टिकट डाल कर एच 1 बी वीजा का एक बड़ा हिस्सा हथियाने का आरोप लगाया है। अमेरिका का ट्रंप प्रशासन वीजा नियमों को और सख्त बनाने में लगा है। ट्रंप सरकार के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते व्हाइट में कहा कि कुछ बड़ी आउटसोर्सिंग कंपनियां लाटरी में ढेर सारे टिकट लगा देती हैं जिससे इस लॉटरी ड्रा में उनकी सफलता की गुंजाइश बढ़ जाती है।

व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर डाली गई बातचीत के अनुसार वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, संभवत: आप उनके नाम जान ही रहे होंगे । टाटा, इंफोसिस और कोग्निजेंट जैसी कंपनियां को सबसे ज्यादा एच 1 बी वीजा मिलता है। वे बहुत ज्यादा संख्या में वीजा के लिए अर्जी लगाती हैं। इसके लिए जतने वीजा मिलेंगे वे लॉटरी में ज्यादा टिकट डालकर बड़ी संख्या में वीजा हासिल कर लेती हैं।

जब यह सवाल किया गया कि खाली भारतीय कंपनियों का ही उल्लेख क्यों किया जा रहा है तो व्हाइट हाउस का जवाब था कि सबसे ज्यादा वीजा जिन तीन कंपनियों को मिला है उनमें टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और कोग्निजेंट शामिल हैं। अधिकारी ने कहा, इन तीनों कंपनियों में एच 1 बी वीजा वालों के लिए औसत तनख्वाह 60,000 से 65000 डॉलर (प्रतिवर्ष) है। इसके विपरीत सिलिकन वैली में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की औसत तनख्वाह करीब 150,000 डॉलर है। तीनों भारतीय कपंनियों ने अमेरिका प्रशासन के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement