नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपए के घोटाले पर पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। बुधवार को उन्होंने कहा कि कुछ उद्योगपति बैंकों के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर रहे हैं और बैंकिंग नियामक इस गठजोड़ को खत्म करने में जुटा हुआ है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसे घोटालों पर केंद्रीय बैंक की ओर उंगली उठाना गलत है क्योंकि बैंकिंग नियामक के लिए सभी तरह के वित्तीय घोटालों को पकड़ना और रोकना व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि बैंक क्षेत्र में धोखाधड़ी तथा अनियमितताओं से रिजर्व बैंक में बैठे हम लोगों को भी गुस्सा, दुख और अफसोस होता है।
पटेल ने कहा कि बैंकिंग घोटाले कुछ कारोबारियों और बैंक अधिकारियों द्वारा मिलकर देश के भविष्य पर डाका डालने के समान हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमारे ऊपर पत्थर फेंके जाते हैं और हमें नीलकंठ की तरह विष-पान करना पड़े तो हम इसे अपने कर्तव्य के रूप में स्वीकार करेंगे।
पिछले कई दिनों से पीएनबी घोटाले को लेकर आरबीआई की आलोचना हो रही है। इसमें आरबीआई की तरफ से कुछ कड़ा कदम न उठाए जाने को लेकर सवाल उठाया जा रहा था। इस पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर जगह पर मौजूद नहीं रह सकता है।