नई दिल्ली। महंगाई के ऊपर जाने का जोखिम कायम है। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी और सातवें वेतन आयोग के लागू होने की वजह से महंगाई दर ऊपर जाएगी। इसमें अनुमान लगाया गया है कि जुलाई माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 5.7 से 5.9 फीसदी के बीच रहेगी।
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के प्रमुख अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा, महंगाई दर में बुनियादी मुद्दे कायम हैं। ग्रामीण सीपीआई मुद्रास्फीति औसत आधार पर शहरी सीपीआई मुद्रास्फीति से ऊपर रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो महीनों में मानसून की प्रगति से फसल की स्थिति और उपलब्धता तय होगी और इससे आगामी वित्त वर्ष की खाद्य मुद्रास्फीति का अनुमान लगेगा।
सिंह ने कहा, ला नीना प्रभाव के बारे में खबर से कुछ खुशी मिली, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति के 23 माह के उच्च स्तर पर पहुंचने से कुछ चिंता पैदा हुई है। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट का अनुमान है कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 1.8 से 2 फीसदी रहेगी जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.7 से 5.9 फीसदी के बीच रहेगी।
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