लखनऊ। कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित उद्योगों को मदद देने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें अगले तीन साल के लिए श्रम कानूनों से छूट देने का फैसला किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण के बाद प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था और निवेश को पुनर्जीवित करने के लिए उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट का प्रावधान है।
प्रवक्ता ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां लगभग रुक सी गई हैं। उन्होंने कहा निवेश के अधिक अवसर पैदा करने तथा औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने की आवश्यकता है। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश चुनिंदा श्रम कानूनों से अस्थाई छूट का अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई, ताकि फैक्ट्रियों और उद्योगों को तीन श्रम कानूनों तथा एक अन्य कानून के प्रावधान को छोड़ बाकी सभी श्रम कानूनों से छूट दी जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों से जुड़े श्रम कानून के प्रावधान और कुछ अन्य श्रम कानून लागू रहेंगे।
मथुरा में 85 औद्योगिक इकाइयों को मिली संचालन की अनुमति
लॉकडाउन के कारण मथुरा जिले में बंद पड़ी 85 औद्योगिक इकाइयों को काम-काज पुन: आरंभ करने की अनुमति मिल गई है। जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त ने जिले में अब तक 85 उद्योगों के संचालन की अनुमति दे दी है। जिले में छोटी-बड़ी कुल 1,351 औद्योगिक इकाइयां हैं। ये सभी कोराना वायरस को काबू करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण बंद कर दी गई थीं।
शासन से उद्योगों के संचालन को सशर्त हरी झंडी मिलने के बाद से जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त के कार्यालय में इकाइयां चालू करने के लिए अनुमति को लेकर बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। उद्योग विभाग ने चरणबद्ध तरीके से अनुमति देनी शुरू कर दी है। उपायुक्त (उद्योग) रामेंद्र कुमार ने कहा कि प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार इकाई संचालकों से घोषणा पत्र भरवाया जा रहा है, जिसमें इकाई का विवरण और कर्मचारियों की संख्या आदि कॉलम दिए हैं। जो आवेदक सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन कर रहे हैं, उन्हें सशर्त अनुमति दी जा रही है। अभी तक जिले में कुल 85 इकाइयों को संचालन की अनुमति दी जा चुकी है। इनमें विनिर्माण और आवश्यक वस्तुओं की पैकिंग से संबंधित इकाइयों की संख्या अधिक है।