नोएडा। कोरोना वायरस संक्रमण से एक ही कंपनी में 13 से अधिक मामले सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सकते में है। नोएडा के सेक्टर 135 में स्थित सीजफायर इंडस्ट्रीज लिमिटेड को उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी आदेश तक सील कर दिया है। कंपनी को सील करने का आदेश नोएडा के उप-जिला मजिस्ट्रेट प्रसून द्विवेदी ने जारी किया है।
अपने आदेश में उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश शासन ने भारत सरकार के आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 सपठित उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-2 की उपधारा (जी) के अंतर्गत कोविड-19 के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया है।
उत्तर प्रदेश शासन के महामारी अधिनियम-1897 की धारा-2 के अधीन उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं प्रसून द्विवेदी, उप जिला मजिस्ट्रेट-सदर सीजफायर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, प्लॉट नंबर-4, द्वितीय तल, सेक्टर-135 में कोरोना वायरस से अनेक व्यक्तियों के पीडि़त/संक्रमित होने के फलस्वरूप तत्काल प्रभाव से कोविड-19 के फैलाव को रोकने एवं बचाव व नियंत्रण किए जाने के उद्देश्य से उक्त कंपनी को अग्रिम आदेशों तक सील किए जाने के आदेश देता हूं।
उप जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि इस आदेश का उल्लंघन उपरोक्त अधिसूचना की धारा 15 में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अधीन दंडनीय कोई अपराध किया समझा जाएगा। उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा गया है।
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि सेक्टर 135 में आग बुझाने के उपकरण बनाने वाली कंपनी सीजफायर में 17 मार्च को ब्रिटेन से जॉन नामक व्यक्ति ऑडिटर का काम करने आया था। वह कोरोना वायरस से संक्रमित था लेकिन यह बात उसने छिपा ली। चौहान के अनुसार, जॉन के संपर्क में आने के बाद अब तक कंपनी के 22 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने और बचाव के उद्देश्य से आज तड़के इस कंपनी को सील कर दिया है।
सूचना अधिकारी ने बताया कि अगले आदेश तक यह कंपनी सील रहेगी। गौरतलब है कि कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा आए थे। उन्होंने सीजफायर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई ना होने पर अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की थी। उल्लेखनीय है कि जनपद गौतम बुद्ध नगर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 38 है। इनमें से 22 लोग वह हैं जो जॉन के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। आशंका है कि जॉन के संपर्क में आने से और लोग संक्रमित हुए हैं। कंपनी के अन्य लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।