नई दिल्ली। ब्रिकी में सुधार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिना बिके मकानों की संख्या में 2018 में 9 प्रतिशत तक कमी आई है। हालांकि, अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाएं अभी भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। संपत्ति से संबंधित परामर्श देने वाली फर्म एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
एनारॉक ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मकानों की बिक्री 2018 में 18 प्रतिशत बढ़कर 44,300 इकाई पर पहुंच गई थी, 2017 में बिक्री 37,610 इकाई रही थी।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान नए मकानों की आपूर्ति भी 17 प्रतिशत बढ़कर 2017 में 22,180 इकाई से पिछले साल 26,010 इकाई हो गई। वहीं, बिना बिके मकानों की संख्या 9 प्रतिशत गिरकर 1,86,714 इकाई रह गई, जो कि 2017 में 2,05,000 पर थी।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि एनसीआर में आवास बिक्री 2018 में 18 प्रतिशत बढ़ी। बिक्री में वृद्धि के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लटकी और देरी से चल रही परियोजनाओं को लेकर चिंता बढ़ी है।
सात प्रमुख शहरों में मकान बिक्री 2018 के दौरान 18 प्रतिशत बढ़कर 2,48,310 इकाई पर पहुंच गई। 2017 में 2,11,130 इकाइयों की बिक्री हुई थी। एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, बेंगलुरु और पुणे की कुल मिलाकर इस बिक्री में 82 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, जबकि अन्य भागीदारी हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता की तरफ से रही।
एनारॉक ने कहा कि शीर्ष सात शहरों में 2017 के मुकाबले मकान बिक्री 18 प्रतिशत और नए मकानों की आपूर्ति 33 प्रतिशत बढ़ी। बिना बिके मकानों की संख्या 7,26,218 इकाइयों से सात प्रतिशत गिरकर 6,73,208 इकाई रह गई।