नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के बाद अब ईंधन की बिक्री में सुधार आएगा। कोरोना वायरस पर अंकुश के लिए पिछले कई सप्ताह से लागू लॉकडाउन से पेट्रोल और डीजल की बिक्री में भारी गिरावट आई है। अब सरकार ने अनलॉक-1 के तहत प्रतिबंधों में काफी ढील दी है। आईओसी ने कहा कि वह चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मंजूर पूंजीगत निवेश को पूरा करेगी। कंपनी ने कहा कि उसने लागत और समयसीमा को सुसंगत करने के लिए सभी निवेश प्रस्तावों की गहराई से समीक्षा की है। कंपनी ने कहा कि वह लागत को लेकर काफी सतर्क और उसने इसे तर्कसंगत बनाने के लिए कदम उठाए हैं। हालांकि, कंपनी ने इन कदमों का ब्योरा नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की थी। इससे अप्रैल में ईंधन की बिक्री में भारी गिरावट आई थी। लॉकडाउन के दौरान कारखाने और कार्यालय बंद हो गए थे। वाहन सड़क से हट गए थे। साथ ही ट्रेनें और उड़ान सेवाएं भी बंद थीं। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से अप्रैल में ईंधन उत्पादों की मांग में 46 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री 61 प्रतिशत, डीजल की 56.7 प्रतिशत और विमान ईंधन एटीएफ की बिक्री 91.5 प्रतिशत घटी थी। कंपनी ने कहा कि पिछले महीने केंद्र और कुछ राज्य सरकारों द्वारा प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद मई में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री कुछ सुधरी। हालांकि, इसके बावजूद मई में बिक्री पिछले साल के समान महीने से 38.9 प्रतिशत कम रही। आठ जून से देश में प्रतिबंधों में और छूट दी जा रही है तथा मॉल और बाजार खुलने जा रहे हैं। आईओसी ने कहा कि लॉकडाउन में ढील और आर्थिक पैकेज की वजह से अर्थव्यवस्था में सुधार से पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री फिर रफ्तार पकड़ेगी। कंपनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल में तेजी आई है और साथ ही रुपया भी मजबूत हुआ है। इससे भंडारण और विनिमय दर के नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो गई है।