नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि शेयर बाजार में गैर-लिस्टेड पब्लिक कंपनियों के लिए 2 अक्टूबर से नए शेयर डीमैट रूप में जारी करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, शेयरों का हस्तांतरण भी डीमैट या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही किया जा सकेगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने अपनी एक विज्ञप्ति में कहा है कि यह कदम कॉरपोरेट क्षेत्र में कारोबारी प्रशासन, पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
सरकार की ओर से यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है, जब कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय अवैध पूंजी प्रवाह के संदेह में फर्जी कंपनियों पर शिकंजा कस रहा है। मंत्रालय ने कहा कि 2 अक्टूबर से गैर-लिस्टेड कंपनियों द्वारा नए शेयर जारी करना और शेयर का हस्तांतरण करना केवल डिमटेरियलाइज्ड (डीमैट) रूप में ही किया जाएगा।
कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत पब्लिक और प्राइवेट दोनों कंपनियां आती हैं। सामान्य तौर पर, जिन कंपनियों में 200 से अधिक सदस्य होते हैं उन्हें पब्लिक कंपनियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है और उन्हें सख्त कारोबारी प्रशासन नियमों का पालन करना होता है।
मंत्रालय के मुताबिक, शेयरों के कागजी प्रमाणपत्र के साथ कटने-फटने, चोरी होने और धोखाधड़ी जैसे जोखिम होते हैं। डीमैट रूप में शेयर रखने से यह सारी दिक्कतें खत्म होने में मदद मिलेगी। इससे जुड़ी शिकायतों का प्रबंधन इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड द्वारा किया जाएगा।