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सभी को आवास का लक्ष्य 2 साल पहले होगा पूरा, सभी PMAY घरों को मार्च 2020 तक मिलेगी मंजूरी

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सभी लक्षित 1.12 करोड़ घरों को मार्च 2020 तक मंजूरी दे दी जाएगी, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एनएआरईडीसीओ/नारेडको) के 15वें वार्षिक सम्मेलन में यह बात कही।

Written by: India TV Business Desk
Published on: August 21, 2019 9:57 IST
Minister of State for Housing & Urban Affairs Hardeep Singh Puri at the 15th National Convention on - India TV Paisa
Photo:PTI

Minister of State for Housing & Urban Affairs Hardeep Singh Puri at the 15th National Convention on 'Housing for All 2022', organised by NAREDCO, in New Delhi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सभी लक्षित 1.12 करोड़ घरों को मार्च 2020 तक मंजूरी दे दी जाएगी, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एनएआरईडीसीओ/नारेडको) के 15वें वार्षिक सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने आयोजन से इतर कहा कि शहरी भारत में 1 करोड़ घरों को मंजूरी देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 84 लाख को मंजूरी प्रदान की गई। बता दें कि मोदी सरकार 2022 तक प्रत्येक भारतीय को अपना घर प्रदान करने का अपना एक बड़ा मिशन चला रही है।

पुरी ने कहा कि हमने 84 लाख घरों को मंजूरी दी है। मुझे पूरा भरोसा है कि दिसंबर 2019 तक सभी 1 करोड़ घरों को मंजूरी दे दी जाएगी। हमने 12 करोड़ अतिरिक्त घरों के साथ अपने लक्ष्य को 1.12 करोड़ किया है। इन 12 करोड़ घरों को साल 2020 के पहले तीन महीनों में मंजूरी दे दी जाएगी।

उन्होंने उम्मीद जताई कि घरों का निर्माण निश्चित समय-सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएमएवई के लाभार्थियों को 24 लाख घर प्रदान कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमने 48 लाख घरों की ग्राउंडिंग का काम पूरा कर लिया है। यह आंकड़ा जल्द ही 75 लाख तक पहुंच जाएगा। हमने 24 लाख घर सुपुर्द भी कर दिए हैं और यह आंकड़ा जल्द ही 50 लाख का होगा।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में शहरी  कार्यक्रमों के लिये 1,50,000 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली थी। वर्तमान सरकार में यह आंकड़ा छह गुना बढ़ गया है। दिसंबर तक 100 में से 50 स्मार्ट शहरों काम पूरा हो जाएगा।

2030 तक 600 मिलियन से अधिक लोग शहरों में रहेंगे

पुरी ने रेंटल हाउसिंग नीति तैयार करने के मोर्चे पर सरकार द्वारा की गई प्रगति के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया है, जिसके दौरान कुछ चिंताएं व्यक्त की गई हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में कई सकारात्मक सुझाव भी सामने आए हैं। पुरी ने योजनाबद्ध शहरीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में पहले पीएम होने की बात को सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस लक्ष्य को उच्च प्राथमिकता दे रही है। एक अनुमान के अनुसार, 2030 तक 600 मिलियन से अधिक लोग शहरों में रहेंगे, जिस समय भारत को एसडीजी को लेकर संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे को पूरा करने की आवश्यकता है। मंत्री ने विश्वास जताया कि 'हम 2030 से पहले 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे का पालन करने के लिए आश्वस्त हैं।'

रेरा कानून में बदलाव
पुरी ने बताया कि रेरा ने रियल एस्टेट क्षेत्र में कई बाधाओं और मुश्किलों को दूर किया है। इस सेक्टर में अवरोधकों की सफाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रेरा एक शानदार सफलता रही है, लेकिन चूंकि यह दो साल पुराना कानून है, इसलिए हमें एक बार में सभी समस्याओं को हल करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हम आगे भी रेरा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की प्रक्रिया में हैं। लेकिन, बड़े पैमाने पर नियामक को सभी हितधारकों द्वारा अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में गुरुग्राम रेरा प्रमुख केके खंडेलवाल ने इस पर सभी पक्षों से सुझाव मांगे हैं। वहीं यूपी रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार ने कहा कि खरीदारों की 70 हजार शिकायतें मिली हैं। इसमें दस हजार का निपटारा किया गया है। 

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