नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल संभवत: बुधवार को वाहन क्षेत्र के लिए संशोधित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दे सकता है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना और रोजगार सृजन है। सूत्रों ने कहा कि समझा जाता है कि सरकार ने वाहन क्षेत्र की पीएलआई योजना के लिए खर्च को घटाकर 26,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
पिछले साल सरकार ने वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए प़ीएलआई योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पांच साल में 57,043 करोड़ रुपये की राशि रखी गई थी। एक सूत्र ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल संभवत: बुधवार को होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। सूत्रों ने हालांकि योजना आवंटन को संशोधित कर 25,938 करोड़ रुपये करने की कोई वजह नहीं बताई। सूत्रों ने कहा कि सरकार अब बैटरी इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।
इस योजना के तहत कलपुर्जों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, सेंसर, सुपरकैपिसेटर, सनरूफ, एडाप्टिक फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर दबाव निगरानी प्रणाली तथा टक्कर चेतावनी प्रणाली को शामिल किया जाएगा।
इससे पहले, ऑटो इंडस्ट्री की संस्था सियाम ने कहा था कि सरकार द्वारा घोषित योजना प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी और उद्योग की वृद्धि को अगले स्तर पर ले जाएगा। उद्योग के लिए योजना केंद्रीय बजट 2021-22 में 13 क्षेत्रों के लिए घोषित किए गए 1.97 लाख करोड़ रुपये की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन घोषणा का हिस्सा है। पीएलआई योजना प्रमुख क्षेत्रों में कुशलता बढ़ाने और वैश्विक चैम्पियन बनाने में मददगार होगी।
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