नई दिल्ली। केंद्र मंत्रिमंडल ने गुरुवार को विशेष प्रकार के इस्पात के लिए 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इस पहल का मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा और इस्पात क्षेत्र से निर्यात को गति देना है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत 6,322 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पांच साल की अवधि के दौरान दिया जाएगा और इससे 5.25 लाख रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि इससे विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा तथा आयात में कमी आएगी। योजना कोटेड/प्लेटेड स्टील, एलॉय स्टील सामान, स्टील वायर और इलेक्ट्रिकल स्टील आदि पर लागू होगी।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत क्रूड स्टील में दुनिया का दूसरा बड़ा उत्पादक है, लेकिन जब रिफाइंड स्टील की बात करें तो दुनियाभर से हमें आयात करना पड़ता है। आयात कम हो इसके लिए घरेलू स्तर पर क्षमता बढ़ाने के लिए 6322 करोड़ रुपए की पीएलआई स्कीम की मंजूरी दी गई है। इससे देश में 5.25 लाख रोजगार उत्पन्न होंगे। इंपोर्ट घटेगा और देश की इकोनॉमी को सहायता मिलेगी।
इस योजना से 39,625 करोड़ रुपये का निवेष आकर्षित होगा। स्पेशिएलिटी स्टील का देश से निर्यात भी बढ़ेगा। 5 श्रेणियां के स्टील को इस योजना में शामिल किया गया है। इनमें हैं कोटेड स्टील प्रोडक्ट, जिनका इस्तेमाल एसी, फ्रिज, ऑटो बॉडी और सोलर एनर्जी स्ट्रक्चर में होता है, दूसरा है हाई स्ट्रेंथ स्टील, जिसका उपयोग कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट, ऑयल एंड गैस ट्रांस्पोर्ट पाइप, ब्रायलर, प्रेशर वेशल, एलपीजी सिलेंडर में होता है, हाई स्पीड रेल में, एलॉय स्टील प्रोडक्ट जिनका प्रयोग गाड़ियों के टायर या बॉल वेयरिंग में होता है और पांचवा है इलेक्ट्रिक स्टील जिसका इस्तेमाल ट्रांसफॉर्मर और इलेक्ट्रिक मोटर में होता है।