नई दिल्ली। भारतीय बैंकिंग प्रणाली की मजबूती के लिए एक और कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक में अतिरिक्त शेयर पूंजी के रूप में 24,000 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि एचडीएफसी बैंक में यह विदेशी निवेश 74 प्रतिशत के अनिवार्य दायरे में ही होगा। उन्होंने कहा कि इस निवेश के बावजूद विदेशी पूंजी 74 प्रतिशत की सीमा में ही रहेगी। वर्तमान में इस बैंक में विदेशी इक्विटी होल्डिंग 72.64 प्रतिशत है, जो इस निवेश से बढ़कर 74 प्रतिशत हो जाएगी।
गोयल ने यह भी कहा कि इस तरीके से बैंक के पूंजी पर्याप्तता अनुपात को मजबूती मिलेगी और बैंक ने इस पूंजी से अपने ब्रांच नेटवर्क के साथ ही डिजिटल बैंकिंग के पहुंच के विस्तार का इरादा जताया है। वहीं, दूसरी तरफ सरकारी बैंकों की लाभप्रदता हाल के दिनों में बुरी तरह से प्रभावित हुई है, क्योंकि उन्हें फंसे हुए कर्जो (एनपीए) के लिए प्रावधान (भरपाई) करना पड़ रहा है।
एचडीएफसी कैपिटल ने एटीसी होमक्राफ्ट में खरीदी हिस्सेदारी
एचडीएफसी के रियल एस्टेट फंड ने एटीएस समहू की कंपनी होमक्राफ्ट में अल्पांश लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदी है और इससे 30 करोड़ डॉलर के पूंजी कोष का निर्माण होगा। इसका उपयोग किफायती एवं मध्यम-आय वर्ग के लिए आवासीय परियोजनाओं के विकास में मदद के लिए किया जाएगा।
एटीएस समूह के संस्थापक गीतांबर आनंद ने किफायती और मध्यम आय आवासीय परियोजनाएं विकसित करने के लिए इस वर्ष मार्च में नया उद्यम शुरू किया था, जो कि 30 से 70 लाख रुपए में आवास उपलब्ध कराएगा। होमक्राफ्ट ने महत्वपूर्ण अल्पांश हिस्सेदारी एचडीएफसी कैपिटल एफोर्डेबल रियल एस्टेट फंड को बेच दी है। इस कोष का प्रबंधन एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स करता है।