नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट-2021 भाषण में आयकर स्लैब में कोई बदलाव न करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि 2020 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 6.84 करोड़ हो गई, जो 2014 में 3.31 करोड़ थी। वित्त मंत्री ने पिछले साल अपने बजट भाषण में देश में नई कर व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी। नई कर व्यवस्था में कोई टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है।
सरकार ने नई कर व्यवस्था या पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर देने के विकल्प को करदाता अपनी मर्जी से चुनने का अधिकार दिया है। व्यक्गितगत आयकर दाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत धारा 80 सी, 80डी, एलटीसी, एचआए सहित अन्य सभी कर छूटों का कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने सालाना 5 लाख रुपए से लेकर 7.5 लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया था। पहले 20 प्रतिशत की दर से टैक्स देय था। सालाना 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की आय पर नई कर व्यवस्था के तहत 15 प्रतिशत टैक्स देय है।
10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 20 प्रतिशत टैक्स देना होता है। पहले इतनी आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता था। 12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए तक सालाना आय वालों को 25 प्रतिशत टैक्स देना पड़ रहा है। 15 लाख रुपए से अधिक सालाना आय वालों को मौजूदा 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लग रहा है।
एक व्यक्ति जो एक साल में 15 लाख रुपए कमाता है और वह कोई भी कर छूट नहीं लेना चाहता है तो उसे केवल 1.95 लाख रुपए का टैक्स देना होगा, जो पहले 2.73 लाख रुपए था। इस तरह उसे एक साल में 78 हजार रुपए का फायदा हो रहा है। वर्तमान में, 2.5 लाख रुपए तक की आय करमुक्त है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स की दर है। कटौती और छूट के साथ इस स्लैब में कर की दर शून्य हो जाती है।
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