
Uniform builder buyer agreement required Supreme Court issues notice to Centre
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को एक नोटिस जारी कर रियल एस्टेट रेगूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के तहत रियल एस्टेट सेक्टर में एक मॉडल बिल्डर-बायर एग्रीमेंट और एजेंट-बायर एग्रीमेंट बनाने पर उसकी राय मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मॉडल एग्रीमेंट घर/फ्लैट खरीदारों को बिल्डर्स द्वारा किए जाने वाले शोषण से बचाने में मदद करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में उपभोक्ता संरक्षण के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र में एक मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता होना महत्वपूर्ण है क्योंकि रियल एस्टेट कंपनियां इसमें ऐसी कई शर्तें लगाने की कोशिश करती हैं, जिनके बारे में आम लोगों को जानकारी नहीं होती। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिल्डर्स समझौते में ऐसी कई शर्तें लगाने की कोशिश करते हैं, जिनके बारे में शायद आम लोगों को जानकारी न हो। समझौते में कुछ एकरूपता होनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि देश में ऐसी (मॉडल बिल्डर खरीदार समझौता) व्यवस्था हो।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि केंद्र द्वारा एक मॉडल समझौता तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि कुछ राज्यों में यह है और कुछ के पास नहीं है तथा उन समझौतों में एकरूपता नहीं है। पीठ ने कहा कि यह एक दिलचस्प मामला है क्योंकि वह पहले रियल एस्टेट विनयमन अधिनियम संबंधी मामला देख चुकी है और उसका महत्व जानती है। सिंह ने कहा कि जिन राज्यों में मॉडल समझौते हैं, वहां बिल्डर शामिल की जाने वाली शर्तों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं और इसलिए केंद्र को इसे तैयार करना चाहिए तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों को मॉडल समझौते को लागू करने के निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
घर खरीदारों के एक समूह की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि वे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए मॉडल समझौते को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घर खरीदार सिंह की दलीलों का समर्थन करते हैं। पीठ ने कहा कि वह प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर रही है और केंद्र से जवाब मांग रही है। उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका में केंद्र को ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बिल्डरों और एजेंट खरीदारों की खातिर, तथा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (आरईआरए) अधिनियम, 2016 के अनुरूप रियल्टी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए मॉडल समझौते तैयार करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
पिछले साल अक्टूबर में दायर की गई याचिका में न्यायालय से सभी राज्यों को 'मॉडल बिल्डर खरीदार समझौता' और 'मॉडल एजेंट खरीदार समझौता' लागू करने तथा ग्राहकों को मानसिक, शारीरिक एवं वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
यह भी पढ़ें: Supertech के 40 मंजिला ट्विन टॉवर्स पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आज ये आदेश...
यह भी पढ़ें: Tata Motors ने पेश की माइक्रो SUV Punch, 21 हजार रुपये में शुरू हुई बुकिंग
यह भी पढ़ें: भारत में जल्द शुरू होगी हाइपरलूप सेवा, बस के किराये में मिलेगी हवाई जहाज की गति से सफर करने की सुविधा
यह भी पढ़ें: एलन मस्क भारत में अगले साल शुरू करेंगे सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा, कनेक्शन के लिए देने होंगे इतने रुपये