नई दिल्ली। सरकार पेमेंट ट्रांसफर को एक मोबाइल कॉल करने या ई-मेल भेजने जितना आसान बनाना चाहती है और इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआई) ने सोमवार को यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को लॉन्च किया है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी ने यूपीआई को एक कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किया। पहले चरण में सभी 29 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य बैंकों को इस सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा।
क्या है यूपीआई
यूपीआई सिस्टम किसी को भी एक बैंक एकाउंट के साथ मनी ट्रांसफर या ऑनलाइन भुगतान को उतना ही आसान बना देगा, जितना कि मोबाइल मैसेज भेजना। यूपीआई विभिन्न बैंकों में सिंगल आईडेंटीफिकेशन और एक पासवर्ड के साथ तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा देगा। यूजर्स का एकाउंट एक सिंगल मोबइल एप्लीकेशन के जरिये एक से ज्यादा बैंक एकाउंट से लिंक हो सकेंगे। इस इंटरफेस के जरिये पैसा लिया और दिया जा सकेगा।
ऐसे करें ऑनलाइन फंड ट्रांसफर
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क्या है आईएमपीएस
यह ऑनलाइन पेमेंट को बहुत ज्यादा आसान बना देगा। इसमें डिजिटल वॉलेट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की आवश्यकता भी नहीं होगी। यह सर्विस इमीजिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) प्लेटफॉर्म पर चलेगी। आईएमपीएस इनेबल्स ट्रांजैक्शन में आधार नंबर और मोबाइल नंबर का उपयोग किया जाएगा और इसमें बैंक के कोई अन्य जानकारी नहीं मांगी जाएगी। बैंक और अन्य पार्टी को यह सर्विस उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल एप बनाना होगा जो कि अभी मौजूदा एप पर संभव नहीं है।
मोबाइल वॉलेट कंपनियों भी जुड़ेंगी यूपीआई से
ऑनलाइन वॉलेट कंपनियां जैसे फ्रीचार्ज, पेटीएम और मोबीक्विक ने भी अपनी सर्विस को यूपीआई से इंटीग्रेट करने की योजना बनाई है, ताकि उनका बिजनेस प्रभावित न हो। फ्लिपकार्ट ने हालही में यूपीआई आधारित पेमेंट कंपनी फोनपे का अधिग्रहण किया है। वॉलेट कंपनियों का कहना है कि यूपीआई का उनके बिजनेस पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा बल्कि इससे वॉलेट में पैसा डालना और आसान हो जाएगा।
कैशलेस इकोनॉमी को मिलेगा बढ़ावा
भारत में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई को एक महत्वपूर्ण हथियार के तौर पर माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि जितना कम कैश का उपयोग होगा उतना ही भ्रष्टाचार कम होगा और अधिक से अधिक लोग बैंकिंग और टैक्स जाल में आ सकेंगे।
छोटी राशि का भी हो सकेगा भुगतान
यूपीआई का इंस्टैंट ट्रांसफर मैकेनिज्म में छोटी राशि का ट्रांसफर भी बड़ी आसानी से किया जा सकेगा। इसके जरिये आप एक छोटे से शैम्पू सेशे को भी खरीद सकेंगे। इतनी छोटी राशि का भुगतान होने से ग्रामीण भारत में मोबाइल और डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
मोबाइल बैंकिंग से स्वतंत्र है यह प्लेटफॉर्म
यूपीआई का सबसे बड़ा फायदा है कि यह किसी भी प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र है। इसकी मदद से एसबीआई का ग्राहक आसानी से एचडीएफसी बैंक एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकता है। इतना ही नहीं आप एक ऑटो ड्राइवर को किराये का भुगातन ऑटो ड्राइवर के मोबाइल और आधर कार्ड नंबर का उपयोग करते हुए इसके जरिये कर सकते हैं। यूपीआई के आने से अब एक विशेष मोबाइल वॉलेट या बैंक एकाउंट पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी। नंदन नीलेकणी के मुताबिक यूपीआई भारत को क्रेडिट कार्ड इकोनॉमी से बाहर निकालकर मोबाइल-फर्स्ट इकोनॉमी बनाएगा।