नई दिल्ली। कर विभाग ने जीएसटी (GST) रिटर्न व रिफंड पर नियमों व उनके प्रारूप के दो और मसौदे आज जारी किए। इसके तहत करदाता द्वारा करों, ब्याज व शुल्कों के रिफंड का दावा करने के लिए मासिक रिटर्न भरना होगा और तय प्रक्रिया का पालन करना होगा।
भागीदारों को उक्त मसौदा नियमों पर टिप्पणी के लिए कल तक का समय दिया गया है। इन नियमों को वस्तु व सेवा कर (GST) परिषद की 30 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार जीएसटी का कार्यान्वयन एक अप्रैल 2017 से करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
रिफंड के नियमों के तहत प्रत्येक पंजीकृत करदाता को एक तय फार्म (जीएसटीआर-3) में मासिक रिटर्न दाखिल करना होगा। इसी तरह प्रत्येक पंजीकृत करदाता द्वारा सालाना रिटर्न इलेक्ट्रोनिक रूप से दाखिल करने का प्रावधान है। नियम के अनुसार कराधान के दायरे में आने वाले हर उस व्यक्ति को सालाना रिटर्न दाखिल करनी होगी जिसका कुल कारोबार किसी वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए से अधिक है।
नांगिया एंड कंपनी के निदेशक (अप्रत्यक्ष काराधान) के अनुसार मसौदा नियम कंपोजिशन स्पलायरों द्वारा त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने के तरीके व रूप रेखा, प्रवासी करदाता द्वारा रिटर्न भरने आदि के तरीकों को बताया गया है।