नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सौ फीसदी इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना में सरकारी बैंकों द्वारा स्वीकृत कर्ज 70 हजार करोड़ रुपये का स्तर पार कर गया है। इसमें से सबसे ज्यादा कर्ज की स्वीकृति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा दी गई है। वहीं योजना का सबसे ज्यादा फायदा महाराष्ट्र के कारोबारियों ने उठाया है। ये जानकारी आज वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सरकारी बैंकों ने कुल 70894.59 करोड़ रुपये का कर्ज स्वीकृत किया है। इसमें से 20 जुलाई तक 45797 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा भी जा चुका है। बांटे गए कर्ज से करीब 33 लाख खातों को फायदा मिला है। कर्ज बांटने में सबसे आगे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रहा है। इसने अब तक करीब 21 हजार करोड़ रुपये का कर्ज स्वीकृत किया है, वहीं 14,811 करोड़ रुपये का कर्ज वितरित भी कर दिया है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने 9372 करोड़ रुपये का कर्ज स्वीकृत किया है जिसमें से 5047 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा जा चुका है। 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज बांटने वालों में केनरा बैंक भी शामिल है जिसने 8242 करोड़ रुपये के स्वीकृत कर्ज में से 5574 करोड़ रुपये का कर्ज 20 जुलाई तक बांट दिया है।
वहीं प्रदेशों की बात करें तो स्कीम का अब तक सबसे ज्यादा फायदा महाराष्ट्र को मिला है। यहां 7358 करोड़ रुपये के स्वीकृत कर्ज में से 4786 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे जा चुके हैं। वहीं गुजरात, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां कुल स्वीकृत कर्ज का आंकड़ा 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इसमे से तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में बांटे गए कर्ज का आंकड़ा 45 सौ करोड़ के पार पहुंच गया है।
कोरोन संकट से छोटे और मझौले कारोबारियों को राहत के लिए सरकार ने मई में क्रेडिट गारंटी स्कीम का ऐलान किया था। स्कीम के तहत मुश्किलों का सामना कर रहे MSME कारोबारियों को अतिरिक्त रकम दी जा रही है जिसपर 100 फीसदी गारंटी कवर है। गारंटी की वजह से बैंक तेजी से कर्ज आगे बढ़ाने में सक्षम हो रहे हैं। इस कर्ज की अवधि 4 साल है जिसमें मूलधन पर एक साल का मोराटोरियम का विकल्प भी है। इस योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये बांटे जाने है। योजना 31 अक्टूबर तक बांटे गए लोन पर लागू होगी।