नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ की एक ताजा रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर गिरते एफडीआई निवेश पर चिंता जताई गई है। यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटाड) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किए गए टैक्स सुधारों के चलते वैश्विक स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय उपमद्वीप में विदेशी निवेश बढ़ा है। भारत ने 2018 के पहले 6 महीनों में 22 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है।
अंकटाड की इंवेस्टमेंट ट्रेंड्स मॉनीटर शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में विदेशी निवेश वैश्विक रुझानों के उलट बढ़ा है। अंकटाड रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में 13 फीसदी एफडीआई बढ़ा है, जिसमें सबसे बड़ा योगदान भारत का रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 बिलियन डॉलर के साथ भारत सबसे ज्यादा एफडीआई आकर्षित करने वाले 10 अग्रणी देशों में शामिल है।
एफडीआई के मामले में चीन अव्वल
एफडीआई आकर्षित करने के मामले में चीन दुनिया के सभी देशों में सबसे आगे हैं। साल की पहली छमाही में चीन ने 70 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त किया। इसके बाद इंग्लैंड का नंबर आता है जहां 65.5 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया। इसके बाद अमेरिका है जहां 46.5 बिलियन डॉलर का निवेश आया है। वहीं नीदरलैंड में 44.8 बिलियन डॉलर, ऑस्ट्रेलिया में 36.1 बिलियन डॉलर, सिंगापुर में 34.7 बिलियन डॉलर और ब्राजील में 25.5 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ।
वैश्विक स्तर पर 41 फीसदी गिरा एफडीआई
अंकटाड रिपोर्ट के अनुसार एफडीआई के वैश्विक आंकड़े में 41 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले साल की पहली छमाही में जहां दुनिया भर में 794 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ था वहीं इस साल आंकड़ा सिर्फ 470 बिलियन डॉलर रहा है।