मुंबई। ट्रक परिचालकों की एक यूनियन ने डीजल की कीमतों की हर महीने या तिमाही समीक्षा किए जाने की मांग करते हुए कहा कि यदि ईंधन की कीमत दैनिक आधार पर बढ़ती रही तो भाड़े में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। गौरतलब है कि डीजल की कीमत में पिछले महीने 23 दिनों तक बढ़ोतरी होती रही। ट्रक की परिचालन लागत में करीब 65 प्रतिशत हिस्सा ईंधन का है। दूसरा बडा खर्च टोल चार्ज है, जिसकी परिचालन लागत में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के पूर्व अध्यक्ष और कोर कमेटी के अध्यक्ष बाल मलकीत सिंह ने एक बयान में कहा, 'मांग पहले ही कम है और करीब 55 प्रतिशत वाहन पहले ही खड़े हैं। ऐसे में परिचालन को बनाए रखना मुश्किल है। कोविड-19 के चलते लागू किए गए लॉकडाउन से सड़क परिवहन क्षेत्र तबाह हो रहा है।'
उन्होंने कहा कि ऐसे में ट्रक परिचालन को बनाए रखने के लिए आज नहीं तो कल निश्चित रूप से भाड़े में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि उनके सामने इस लागत को ग्राहकों के ऊपर डालने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। सिंह ने कहा, 'इस समय कारोबार को बनाए रखने के लिए माल भाड़े में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी जरूरी है।'