संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कोरोना वायरस महामारी की मार से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वर्ष उत्साहवर्धक सुधार का भरोसा जताया है। पिछले वर्ष अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी, लेकिन वर्तमान कैंलेडर वर्ष में यूएन ने इसमें 7.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि की उम्मीद व्यक्त की है।
सोमवार को जारी यूएन की वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट-2021 में कहा गया है कि हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था को इस संकट से उबारने के प्रयासों के तहत कई वित्तीय एवं मौद्रिक पैकेजों की घोषणा के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट दर्ज की गई। कोरोना के कारण कई बार लॉकडाउन और इस महामारी को रोकने के कतिपय प्रयास इसकी प्रमुख वजह रहे हैं क्योंकि उत्पादों की घरेलू खपत कम होती गई।
रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5.9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष केवल चीन की ही एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था थी, जिसमें वृद्धि देखी गई। अनुमान व्यक्त किया गया है कि चीनी अर्थव्यवस्था जिसने पिछले वर्ष 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी, वह इस वर्ष बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो सकती है। अगले साल इसमें 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 4.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसमें इस साल 4.7 प्रतिशत और अगले वर्ष 5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते शताब्दी के सबसे बड़े संकट से प्रभावित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के विनाशकारी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को आने वाले वर्षों में महसूस किया जाएगा।