नई दिल्ली। आज के समय में आधार (Aadhaar card) एक आम भारतीय के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज बन गया है। आज सरकार के हर जरूरी काम के लिए आधार होना पहली शर्त है। यहां तक कि वैक्सिनेशन कार्यक्रम में भी आधार आपके रजिस्ट्रेशन की पहली अनिवार्य शर्त है। लेकिन बहुत से लोगों के पास अभी भी आधार नहीं है। ऐसे में वे इस कमी के चलते आवश्यक सेवाओं से वंचित हो जाते हैं। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने आधार कार्ड को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कुछ कामों के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।
सरकार द्वारा जारी ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार अब पेंशनधारकों को अपना जीवन प्रमाणपत्र (Life Certificate) देने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य नहीं होगा। अभी तक अपने जीवन प्रमाणपत्र को दाखिल करने के लिए आधार की प्रति जमा करनी होती थी। सरकार ने इस बाध्यता को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही मैसेजिंग सॉल्यूशन संदेश (Sandes) और सरकारी दफ्तरों के बायोमीट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम के लिए भी अब आधार की जरूरत नहीं होगी।
जीवन प्रमाण पत्र के लिए अनिवार्य नहीं आधार
देश के करोड़ों पेंशन भोगियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब सरकार ने आधार को अनिवार्य शर्त से बदलकर स्वैच्छिक कर दिया गया है। यानी कि अगर कोई पेंशनर्स चाहें तो आधार की जानकारी दें सकते हैं, या फिर नहीं चाहेंगे तो नहीं देंगे। इस नियम के स्वैच्छिक होने से पेंशनर्स की बड़ी दिक्कत का समाधान हो गया है। इसका फायदा उन पेंशन धारकों को होगा जिनके आधार बायोमेट्रिक अपडेट नहीं है और हर साल इसके लिए उन्हें दौड़-भाग करनी होती है।
Sandes ऐप के लिए आधार की जरूरत नहीं
सरकारी ऑफिस में कर्मचारियों की हाजिरी के लिए संदेस Sandes ऐप को अनिवार्य किया गया है। लेकिन अब इसके लिए भी आधार वैरिफिकेशन को अनिवार्य से हटाकर स्वैच्छिक कर दिया गया है। बता दें कि संदेस एक इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन ऐप है जो सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए तैयार किया गया है। अब सरकारी कर्मचारियों को संदेस के जरिए ही हाजिरी लगानी होती है।
अभी भी स्थिति अस्पष्ट
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 18 मार्च को आधार की अनिवार्यता खत्म करने से जुड़ी अधिसूचना जारी की है। लेकिन यहां भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। आदेश में कहा गया है कि जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी। इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने होंगे।