नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा है कि वह कोविड-19 संकट के बीच निवेशकों के हित में होने पर कमजोर इकाइयों का वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियों द्वारा अधिग्रहण करने के विचार के खिलाफ नहीं हैं। कोटक ने कहा कि इस महामारी की वजह से निवेशकों को पहले ही बड़ा झटका लगा है। ऐसे में निवेशक को अपने निवेश को बेचने से क्यों रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर फैसला निवेशक पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रणनीतिक कारणों से सरकार को कुछ देशों के निवेशकों द्वारा बाजार बिगाड़ने वाले अधिग्रहणों से घरेलू कंपनियों को बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए। कोटक ने कहा, ‘‘यदि यह पैसा उन देशों से आ रहा है जिनके साथ कोई रणनीतिक मुद्दा है, तो यह पूरी तरह से अलग मामला है। यहां तक कि अमेरिका भी अपने कुछ रणनीतिक क्षेत्रों को कुछ कारणों से कुछ देशों से बचाना चाहता है। ऐसे में मैं कहूंगा कि यह पूरी तरह से भिन्न वजह है।’’ जहां तक घरेलू निवेशकों द्वारा अधिग्रहण का सवाल है, इस पर कोटक ने कहा, ‘‘हमें दोनों पक्षों के हितों को देखना होगा। एक तरह मौजूदा प्रबंधन का हित है जों संकट से जूझ रहा है, जबकि दूसरा पक्ष निवेशक के धन के खराब प्रदर्शन का है।’’ एक उदारहण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी निवेशक को अपने 100 रुपये के निवेश पर 70 रुपये मिल रहे हैं, जबकि उसका मौजूदा मूल्य 30 रुपये ही है, तो उसके निकलने की अनुमति दी जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि हमें चीजों को निवेशक के चश्मे से देखना होगा। कोविड-19 संकट और मांग में अचानक आई गिरावट से दुनियाभर के उद्योग प्रभावित हुए हैं। इस संकट ने अधिक संपन्न कंपनियों को संकट में फंसी फर्मों के काफी कम मूल्यांकन पर अधिग्रहण का अवसर दिया है।