नई दिल्ली। सरकार को क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत मुख्य मार्गों पर विमानन कंपनियों से शुल्क के तौर पर सालाना करीब 300 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
नागर विमानन मंत्रालय उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत वित्तपोषण के अंतर को आंशिक रूप से पाटने के लिए दिसंबर, 2016 से यह शुल्क वसूल रहा है। उड़ान योजना के तहत नए मार्ग जुड़ रहे हैं। मार्गों की बढ़ती संख्या के साथ ही मंत्रालय आने वाले महीनों में वित्तपोषण की बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति की तैयारी कर रहा है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत उड़ानों की प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक है और कई मार्गों में यात्रियों की अच्छी संख्या है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को प्रमुख मार्गों पर विमानन कंपनियों से प्रति वर्ष शुल्क के तौर पर 280 से 300 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।
प्रमुख मार्गों पर उड़ान से पहले हर प्रस्थान के लिए 5,000 रुपए का शुल्क वसूला जाता है। शुरुआत में यह शुल्क 8,500 रुपए था जिसे बाद में कम किया गया।