Saturday, December 21, 2024
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उड़ान योजना के लिए विमानन मंत्रालय को हो सकती है धन की कमी, वीजीएफ की राशि पड़ सकती है कम

उड़ान योजना के तहत अधिक मार्गों पर परिचालन शुरू होने के साथ नागर विमानन मंत्रालय को आशंका है कि विमानन कंपनियों को उड़ानों को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने के लिए (वीजीएफ) धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

Edited by: Manish Mishra
Updated : December 17, 2017 15:34 IST
UDAN Scheme
UDAN Scheme

नई दिल्ली। उड़ान योजना के तहत अधिक मार्गों पर परिचालन शुरू होने के साथ नागर विमानन मंत्रालय को आशंका है कि विमानन कंपनियों को उड़ानों को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने के लिए (वीजीएफ) धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने किफायती हवाई सेवा शुरू करने के लिए क्षेत्रीय संपर्क योजना यानी उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत पहले दौर के लिए 128 हवाई मार्गों का आवंटन किया था। इन मार्गों से 70 हवाई अड्डों को जोड़ा गया है। दूसरे दौर की बोली में मंत्रालय को कंपनियों से कुल 141 प्रारंभिक प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस महीने के आखिर में इसके परिणाम आने की उम्मीद है।

मंत्रालय का मानना है कि उड़ान के तहत और कंपनियों द्वारा परिचालन शुरू होने के बाद विमानन कंपनियों को वीजीएफ देने के लिए जो राशि उपलब्ध है, वह शायद पर्याप्त न हो। वीजीएफ खाते में 80 प्रतिशत राशि का योगदान केंद्र सरकार करती है। शेष संबंधित राज्यों द्वारा दिया जाता है। पूर्वोत्तर के राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मामले में यह अनुपात 90:10 का होता है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उड़ान योजना के तहत और अधिक मार्गों पर परिचालन शुरू होने के साथ वीजीएफ के लिए उपलब्ध धन कम पड़ सकता है। वीजीएफ के लिहाज से, मंत्रालय प्रमुख मार्गों पर प्रति उड़ान 5,000 रुपए का शुल्क वसूलता है और इससे सालाना 200 करोड़ रुपए की आय का अनुमान है। इसके विपरीत अब तक, मंत्रालय ने शुल्क के माध्यम से वीजीएफ के लिए करीब 70 करोड़ रुपए जुटाए हैं।

अधिकारी ने कहा कि आने वाले वर्ष में पहले दौर के सभी हवाई अड्डों पर परिचालन शुरू हो जाएगा। इस मामले में अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। मंत्रालय वीजीएफ आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक पैसा जुटाने के लिए राज्यों को कह सकता है। धन जुटाने का दूसरा रास्ता बजटीय सहायता हो सकती है।

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