नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक को चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में वसूली में फंसे कर्जों के लिए पूंजी का ऊंचा प्रावधान करने के कारण 622.56 करोड़ रुपए का अपेक्षाकृत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे 384.83 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय भी पिछले वित्त वर्ष के 4,941.41 करोड़ रुपए की तुलना में गिरकर चालू वित्त वर्ष में 3,757.51 करोड़ रुपए रह गई है। बैंक ने बताया कि इस दौरान बैंक के संकटग्रस्त ऋण का प्रावधान पिछले वित्त वर्ष के 980.03 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर मौजूदा वित्त वर्ष में 1,323.36 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
बैंक के नुकसान में इजाफा की वजह उसकी संपत्ति की गुणवत्ता में आई बड़ी गिरावट है। आलोच्य अवधि के दौरान उसकी समग्र गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 16.51 प्रतिशत से बढ़कर 19.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसी तरह उसका शुद्ध एनपीए भी 8.83 प्रतिशत से बढ़कर 9.98 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
यूनियन बैंक को दूसरी तिमाही में 1,531 करोड़ रुपए का घाटा
सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट आने के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1,531 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 177 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक की समग्र गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 10.73 प्रतिशत से बढ़कर 12.35 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसी तरह उसका शुद्ध एनपीए भी 6.39 प्रतिशत से बढ़कर 6.70 प्रतिशत पर पहुंच गया है।