मुंबई। कोलकाता स्थित यूको बैंक ने रविवार को बिड़ला सूर्या लिमिटेड के निदेशक यशोवर्धन बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर (सुविचारित चूककर्ता) घोषित किया है। यह कार्रवाई उनकी कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड द्वारा बैंक के 67.65 करोड़ का कर्ज न चुकाने की वजह से की गई है। यशोवर्धन बिड़ला यश बिड़ला समूह के चेयरमैन भी हैं।
नोटिस में प्रकाशित की गई फोटो
बैंक ने एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया जिसमें डिफॉल्टर यानी बिड़ला का फोटो भी है। बिड़ला परिवार देश का प्रमुख औद्योगिक परिवार है। बिड़ला के पड़दादा यानी घनश्याम दास बिड़ला की महात्मा गांधी से काफी घनिष्टता थी। उन्होंने गांधी के आव्हान पर आजादी के आंदोलन के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई थी। बिड़ला ने ही कोलकाता में यूको बैंक की स्थापना की थी।
तीन जून को कर्ज एनपीए में बदला
बैंक ने कहा कि खाते को तीन जून 2019 को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया था। नोटिस में बैंक ने कहा कि बिड़ला सूर्या लिमिटेड को मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित मफतलाल सेंटर में हमारी प्रमुख कॉरपोरेट शाखा से मल्टी क्रिस्टेलाइन सोलर फोटोवोल्टेक सेल्स बनाने के लिए सिर्फ फंड आधारित सुविधाओं के साथ 100 करोड़ रुपये की साख सीमा की मंजूरी दी गई थी। एनपीए में मौजूदा 67.65 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज और बिना चुकता किया गया ब्याज शामिल है।
यूको बैंक ने अपने नोटिस में कहा कि कोलकाता स्थित बैंक द्वारा ऋणकर्ता को कई नोटिस दिए जाने के बावजूद उसने बकाया नहीं चुकाया। यूको बैंक ने अपने नोटिस में कहा कि उधारकर्ता कंपनी और उसके निदेशक, प्रमोटर, गारंटर बैंक द्वारा विलफुल डिफॉल्टर्स घोषित किए गए और उनका नाम सार्वजनिक सूचना के लिए क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया गया। बिड़ला सूर्या लिमिटेड की ओर से मीडिया को इस बारे में कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है। रोचक तथ्य यह है कि 1943 में बैंक की स्थापना उद्योगति जी.डी. बिड़ला के तत्वाधान में किया गया था। जी.डी. बिड़ला यशोवर्धन बिड़ला के परदादा रामेश्वर दास बिड़ला के भाई थे।
जानिए कौन हैं यश बिड़ला
यश बिड़ला यशोवर्धन बिड़ला ग्रुप के चेयरमेन हैं।
उनके समूह का मशीन टूल्स, इंजन पाइप्स, इंफोटक,ट्रेवल, स्टील समेत अनेक क्षेत्रों में तगड़ा कारोबार है।
वे बॉडी बिल्डिंग भी करते हैं, वे किसी फिल्मी सितारे की तरह हैंडसम लगते हैं।
यश बिड़ला की धर्म-कर्म में गहरी आस्था है।
उनके पिता अशोक बिड़ला भी देश के नामी उद्योगपति थे, उनका एक विमान हादसे में निधन हुआ था।
वे मुंबई में गोपी बिड़ला स्कूल और अशोक बिड़ला अस्पताल भी चलाते हैं।
वे सुजाता बिड़ला चैरिटी ट्रस्ट भी चलाते हैं।
यश बिड़ला के समूह में करीब तीन हजार से ज्यादा मुलाजिम हैं।
वे कॉरपोरेट घरानों के संगठनों जैसे फिक्की या सीआईआई की राजनीति से दूर रहते हैं।
वे रोज करीब दो घंटे जिम भी जाते हैं।
समिति करती है जांच
विलफुल डिफॉल्ट के सबूतों की जांच एक कार्यकारी निदेशक और जनरल मैनेजर या डिप्टी जनरल मैनेजर रैंक के दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता वाली समिति करती है। यदि समिति यह निष्कर्ष निकालती है कि विलफुल डिफॉल्ट हुआ है, तो यह उधारकर्ता को एक कारण बताओ नोटिस जारी करता है और उनकी सबमिशन के लिए कॉल करता है और उनकी सबमिशन पर विचार करने के बाद विलफुल डिफॉल्ट और कारणों पर एक ऑर्डर जारी करता है। समिति के आदेश की समीक्षा एक अन्य समिति के अध्यक्ष या प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में की जाती है और इसके अलावा, दो स्वतंत्र निदेशकों के लिए और इस समीक्षा समिति द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद ही आदेश अंतिम हो जाएगा।