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टैक्सी कंपनियों में मची भारत के लिए होड़
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अबेर के लिए भारत अगला लड़ाई का मैदान है। उन्होंने कहा कि कंपनी चीन से बाहर हो चुकी है, ऐसे में भारत में निवेश 2-3 गुना बढ़ा सकती है। उबेर भारत की मार्केट लीडर ओला से मार्केट शेयर की जंग पहले ही शुरू कर चुकी है। उबेर सीईओ ट्रैविस कालानिक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि मर्जर से दोनों कंपनियों को नई ऊंचाई छुने में मदद मिलेगी। दूसरे देश में कारोबार फैलाने से लेकर सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजी तक सभी पर काम कर सकेंगे।
तस्वीरों में देखिए टैक्सी शेयरिंग के बारे में
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ओला और उबेर का सीधा मुकाबला
ओला के निवेशक रेहान यार खान ने कहा कि यह साफ है कि चीन में उबेर का मर्जर नहीं हुआ है बल्कि कंपनी ने अपना कारोबार बेच दिया है। उन्होंने कहा कि उबेर ने स्पष्ट रूप से चीन का बाजार खो दिया है। दीदी चुक्सिंग के पास पैसा है इसलिए वह अपना कारोबार का विस्तार करना चाहती है इसी कड़ी में यह गठबंधन हुआ है। पिछले साल भारत की सबसे बड़ी टैक्सी एग्रीगेटर कंपनी ओला में दीदी चुक्सिंग ने निवेश किया था। बेंगलुरु स्थित कंपनी में अपनी हिस्सेदारी के लिए 50 करोड़ डॉलर दे चुकी है। खान ने कहा कि यह मर्जर एसे समय पर हुआ है जब ओला मार्केट पर कब्जा बनाए रखने के लिए फंडिंग जुटाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि बाजार पर बादशाहत की जंग में फायदा आम आदमी को भी मिलेगा।
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