नई दिल्ली। ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस उबेर ने नई दिल्ली में अपनी ऑटो सर्विस को बंद कर दिया है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि उबर ऑटो के सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए कंपनी ने इस सर्विस को बंद करने का फैसला लिया है। हालांकि इसे अस्थाई रूप से बंद किया गया है। गौरतलब है कि सात महीने पहले कंपनी ने 5,000 ऑटो के साथ इस सर्विस की शुरूआत की थी। देश में टैक्सी के अलावा ऑटो सर्विस देने वाली उबर पहली कंपनी है। फोर व्हीलर के मुकाबले थ्री व्हीलर सस्ता है, यह लोगों के लिए अच्छा विकल्प था।
अच्छे फीडबैक के बावजूद बंद हुई सर्विस
इस साल अप्रैल में लॉन्च के वक्त उबेर ने अपने बिजनेस मॉडल को ग्लोबल स्तर पर बढ़ाने के लिए कैश में भी पेमेंट लेनी शुरु कर दी थी। कंपनी ने दिल्ली और आस पास के इलाकों के लिए ऑटो सेवा को भी बढ़ाने की योजना बनाई थी। उबेर के एक प्रवक्ता के मुताबिक ड्राइवर और कस्टमर दोनों की ओर से फीडबैक बेहद अच्छा आया था। हालांकि, अच्छे फीडबैक के बावजूद उबर ने दिल्ली के बाहर इस सर्विस को नहीं बढ़ा पाई है। कंपनी ने अब इस बात की जानकारी नहीं दी है कि उसके बैनर तले कितने ऑटो रिक्शा रजिस्टर्ड है।
उबर की काम्पिटीटर कंपनी ओला ने पिछले महीने ही ऑटो की सर्विस शुरू की है। ओला फिलहाल देश के छह शहरों में ऑटो सर्विस दे रही है, इस साल के अंत तक अन्य तीन शहरों में भी सर्विस शुरू करने की योजना है। ओला के 16,000 ऑटो रिक्शा केवल दिल्ली में चलते हैं। इसके अलावा बैंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद में 70,000 से ज्यादा ऑटो है।
टांसपोर्ट कंपनियों के लिए लाइसेंस नहीं होना बड़ी वजह
ऑटो रिक्शा सर्विस को बंद करने के पीछे की वजह को लेकर फिलहाल कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया है। एक्सपर्ट के मुताबिक ऑटो सर्विस बंद करने के पीछे लाइसेंस की सुविधा का ना होना हो सकता है। ऑटो का परमिट व्यक्तिगत तौर पर जारी किया जाता है। सरकार फिलहाल टांसपोर्ट कंपनियों को ऑटो सर्विस के लिए लाइसेंस नहीं देती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक टाइगर ग्लोबल मेनेजमेंट और टी राउ प्राइस ने उबर में निवेश बंद कर दिया है। वहीं, ओला ने घोषणा की है कि वह चीन के दीदी कुआदी, अमेरिका आधारित लिफ्ट और साउथ एशिया आधारित ग्रैबटैक्सी के जरिए यूजर्स को अन्य ऐप की मदद से भी कैब को बुक करने की सुविधा देगा।