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SETBACK FOR FATCA: काला धन छुपाने के लिए अमेरिका बना पसंदीदा जगह, फाइनेंशियल सेक्रेसी इंडेक्स 2015 में टॉप तीन देशों में शामिल

सिंगापुर, लग्‍जमबर्ग और केमैन आइसलैंड को पीछे छोड़कर अमेरिका अरबपतियों और उद्योगपतियों के लिए आकर्षक टैक्‍स हेवन देश बन गया है।

Shubham Shankdhar
Updated on: November 05, 2015 16:55 IST
SETBACK FOR FATCA: काला धन छुपाने के लिए अमेरिका बना पसंदीदा जगह, फाइनेंशियल सेक्रेसी इंडेक्स 2015 में टॉप तीन देशों में शामिल- India TV Paisa
SETBACK FOR FATCA: काला धन छुपाने के लिए अमेरिका बना पसंदीदा जगह, फाइनेंशियल सेक्रेसी इंडेक्स 2015 में टॉप तीन देशों में शामिल

नई दिल्‍ली। दुनिया को कालेधन, टैक्‍स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को खत्‍म करने के लिए सबसे बड़ा हथियार एफएटीसीए देने वाला अमेरिका ही टैक्‍स चोरों की पसंदीदा जगह बन गया है। सिंगापुर, लग्‍जमबर्ग और केमैन आइसलैंड को पीछे छोड़कर अमेरिका अरबपतियों और उद्योगपतियों के लिए आकर्षक टैक्‍स हेवन देश बन गया है। टैक्‍स जस्टिस नेटवर्क की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टैक्‍स हेवन देशों की लिस्‍ट में स्विट्जरलैंड पहले स्‍थान पर कायम है। दूसरे स्‍थान पर हांगकांग है। फाइनेंशियल सेक्रेसी इंडेक्स 2015 में तीसरे स्‍थान पर अमेरिका है, जो 2013 की लिस्‍ट में छठवें स्‍थान पर था। यह लिस्‍ट हर दो साल में जारी की जाती है।

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इस लिस्‍ट में अमेरिका का नाम टॉप तीन में आने से राष्‍ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के साथ ही भारत को बड़ा झटका लगा है। विदेशों में छिपे धन को उजागर करने के मामले में ओबामा प्रशासन को सबसे ज्‍यादा काम करने का श्रेय दिया जाता है। अमेरिका ने फॉरेन एकाउंट टैक्‍स कम्‍पलाइंस एक्‍ट (एफएटीसीए) पास किया है, जिस पर भारत ने भी हस्‍ताक्षर किए हैं। इसके तहत अमेरिका पूरी दुनिया में अमेरिकी नागरिकों द्वारा खोले गए बैंक खातों और उनमें जमा राशि का पता लगाएगी। इस कानून के तहत अमेरिका में अन्‍य विदेशी नागरिकों द्वारा खोले गए खातों और उनकी जानकारी संबंधित देशों को देने की बात कही गई है। लेकिन इस नई रिपोर्ट से अमेरिका के मंसूबों पर शक उठता है।

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हाल ही में अमेरिका ने स्विस बैंकों पर दबाव बनाकर छिपे हुए धन के संबंध में जानकारी हासिल करने में सफलता हासिल की है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि अमेरिका अपने ही बनाए कानून का खुद ईमानदारी से पालन नहीं कर रहा है।

टैक्‍स जस्टिस नेटवर्क के मुताबिक दुनिया में छिपे धन का आकलन करना मुश्किल है। अर्थशास्‍त्री गैबरियल जुकमैन के मुताबिक दुनियाभर में 7.6 लाख करोड़ डॉलर का कालाधन मौजूद है, जबकि टैक्‍स जस्टिस नेटवर्क के जैम्‍स हेनरी का अनुमान है कि दुनियाभर में 21 लाख करोड़ डॉलर का कालाधन मौजूद है।

टैक्‍स जस्टिस नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के डेलावेर, व्‍योमिंग और नेवादा सालों से टैक्‍स हेवन बने हुए हैं। यहां बोगस कंपनियां बनाकर विदेशी नागरिकों और कंपनियों को उनका धन छिपाने की सुविधा प्रदान की जाती है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कालेधन और टैक्‍स चोरी रोकने में अमेरिका अपनी भूमिका का पालन कठोरता से नहीं कर रहा है। देशों के बीच सूचना के आदान-प्रदान में अमेरिका प्रभावी भूमिका नहीं निभाता है, तब तक दूसरे देशों को कालेधन और टैक्‍स चोरी रोकने में ज्‍यादा कामयाबी मिलना संभव नहीं है।

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