नई दिल्ली। दुपहिया वाहन उद्योग को उम्मीद है कि वो जनवरी-मार्च तिमाही में एक बार फिर बढ़त हासिल कर लेगी। इंडस्ट्री ने अनुमान दिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में वृद्धि की उम्मीद है, हालांकि इसके साथ ही इंडस्ट्री जारी किसान आंदोलन और बजट को लेकर सतर्क रुख भी रख रही है। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बढ़त की उम्मीद जताते हुए कहा कि किसान आंदोलन और आगामी बजट को लेकर निकट भविष्य में कुछ अनिश्चितताएं भी हैं। उद्योग को उम्मीद है कि पिछले साल के कम आधार प्रभाव और इस साल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के खुलने के साथ ही छात्रों के लिये दुपहिया वाहनों की मांग बढ़ेगी।
एचएमएसआई के निदेशक (सेल्स और मार्केटिंग) यदविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा कि हमें बीएस-4 से बीएस-6 पर जाना था, जिसके कारण वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में बिक्री कम हुई और वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के लिए उसका आधार प्रभाव रहा रहा। इसे देखते हुए हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में एक अंक की वृद्धि होगी। गुलेरिया ने ये अनुमान तब जताया जब उनसे पूछा गया कि वो आने वाली जनवरी- मार्च तिमाही के दौरान दोपहिया उद्योग में कैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि चौथी तिमाही से बहुत अधिक उम्मीद नहीं हैं, क्योंकि किसान आंदोलन और बजट को लेकर कुछ अनिश्चितताएं हैं। इन दोनों बातों पर नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन से ग्रामीण बिक्री पर असर पड़ेगा, जहां मोटरसाइकिलों को मुख्य रूप से बेचा जाता है, जबकि उद्योग इस बात को लेकर भी चिंतित है कि कैसा बजट पेश किया जाएगा। गुलेरिया ने आगे कहा कि कर संग्रह को लेकर सरकार पर बहुत दबाव है और ऐसे में बजट को लेकर उद्योग सतर्क है।