वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुधवार को जी-20 देशों के विभिन्न मसौदों की रूपरेखा तैयार करने वाले समूह (एफडब्ल्यूजी) के अधिकारियों की दो दिवसीय बैठक समाप्त हो गई। सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तृत चर्चा हुई। समूह की अगली बैठक अर्जेंटीना में होगी।
जी -20 की बैठक में कामकाजी समूह और वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित मामलों और नीतिगत समन्वय पर विचार-विमर्श किया गया। सदस्यों ने माना कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच सामंजस्य जरूरी है। दिनेश शर्मा, विशेष सचिव आर्थिक मामलों और राजेश्वर राव, कार्यकारी निदेशक, आरबीआई ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी दी।
जी 20 एफडब्ल्यूजी के कनाडाई सह-अध्यक्ष डॉ पॉल सैमसन ने बैठक की मेजबानी करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। वैश्विक आर्थिक समन्वय और परिदृश्य पर सत्र एक में मंथन किया गया था, जिसमें देशों की वैश्विक अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गयी। द्वितीय सत्र में आईएमएफ से अद्यतन पर सश, स्थिर और संतुलित विकास पर सबकी राय जानी गई।
सम्मलेन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, कानाडा, जर्मनी, भारत, इटली, इंडोनेशिया, जापान, मेक्सिको, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, अमेरीका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, के प्रतिनिधि के साथ रिजर्व बैंक, विश्व बैंक और आई एल ओ, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ ही यूरोप और अमेरीका के अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।