नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अनुमान से बेहतर रोजगार के आंकड़ों पर कहा कि यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के कोरोना वायरस महामारी से उबरने का संकेत है। उन्होंने कहा, ‘‘रोजगार के अवसरों में वृद्धि की सकारात्मक खबरों से यह पता चलता है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस महामारी से उबरने लगी है।’’ हालांकि ट्रंप ने कहा कि अभी भी ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम वायरस की चपेट से निकलने के प्रयास में हैं। दरअसल अमेरिका के कई राज्यों विशेषकर दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। ऐसे में ये राज्य अर्थव्यवस्था को पुन: खोलने की प्रक्रिया को धीमी कर रहे हैं।
अमेरिका में आज ही रोजगार से जुड़े आंकड़े जारी हुए हैं जिसके मुताबिक जून में करीब 48 लाख नयी नौकरियां बनी हैं। रोजगार में लगातार दूसरे महीने बेहतर प्रदर्शन से अमेरिका में बेरोजगारी की दर घटकर 11.1 प्रतिशत पर आ गयी है। हालांकि यह कोविड-19 महामारी के दौरान गयी नौकरियों का छोटा हिस्सा ही है। महामारी के चलते हुए लॉकडाउन से अमेरिका में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार छिना। नयी नौकरियों के बदौलत अमेरिका इनमें से एक-तिहाई रोजगारों को पुन: वापस पाने में सफल रहा है। अमेरिका के दक्षिण राज्यों (सन बेल्ट) में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में आशंका है कि इससे रोजगार की स्थिति में आ रहा सुधार रुक सकता है। इन राज्यों में जहां कहीं भी कुछ रेस्तराओं, बार या अन्य खुदरा दुकानों ने कारोबार दोबारा शुरू किया था, उन्हें फिर से कारोबार बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन कारोबार के दोबारा बंद होने से छंटनियों का दौर लगातार जारी है।
बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या पिछले हफ्ते 14.7 लाख पर आ गयी। मार्च के अंत में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या में अचानक से तेजी देखी गयी थी। तब से इसमें साप्ताहिक आधार पर कमी आ रही है। हालांकि, यह 1982 के उच्चस्तर से अब भी दोगुनी है। बेरोजगारी भत्ता पा रहे लोगों की संख्या अब भी 1.9 करोड़ बनी हुई है। कैलिफोर्निया में बार, सिनेमाघर और बैठकर खाने की सुविधा देने वाले रेस्तरां फिर से बंद हुए हैं। फ्लोरिडा में भी समुद्र तट और बार का कारोबार बंद हुआ है। टेक्सास ने अपनी अर्थव्यवस्था को दोबारा खोलने की कुछ योजनाएं सुचारू रखी हैं। वहीं न्यूयॉर्क ने बैठकर खाने की सुविधा देने वाले रेस्तरां खोलने की योजना टाल दी है। क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए जाने वाले खर्च पर निगरानी रखने वाली कंपनी जेपी मॉर्गन चेज की रपट दिखाती है कि ग्राहकों ने पिछले हफ्ते में अपनी खरीदारी कम की है। जबकि अप्रैल और मई में इसमें लगातार वृद्धि हुई थी।