वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पद से हटने से पहले चीन के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसमें ऐसी 31 चीनी कंपनियों में अमेरिकन निवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है, जिनका नियंत्रण या प्रबंधन चीनी सेना के हाथों में है। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर ट्रंप ने गुरुवार को हस्ताक्षर किए हैं। इसमें कहा गया है कि किसी भी कम्यूनिस्ट चीनी मिलिट्री कंपनी की सिक्यूरिटीज में अमेरिका द्वारा कोई निवेश नहीं किया जाएगा।
ट्रंप ने अपने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा कि चीन अपनी सेना, इंटेलीजेंस और अन्य सुरक्षा एजेसियों को मजबूत और आधुनिक बनाने के जरिये अमेरिका को प्रभावित कर रहा है और चीन सीधे अमेरिका को उसकी धरती और विदेशी धरती पर चुनौती दे रहा है। चीन बड़े स्तर पर हथियारों के निर्माण और उपयोग के साथ ही साथ साइबर-अटैक के जरिये अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
यह ऑर्डन 31 चीनी कंपनियों के लिए है, जो चीन की सेना के विकास और आधुनिकीकरण में लगी हुई हैं और सीधे अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। स्मार्टफोन निर्माता हुवावे और हिकविजन ब्लैकलिस्टेड कंपनियों में से एक हैं। प्रतिबंधित की गई कंपनियों में चाइना टेलीकॉम और चाइना मोबाइल भी शामिल हैं, जिनके शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड हैं।
ट्रंप ने आरोप लगाया है कि चीन अपनी सेना-औद्योगिक गतिविधियों को निरंतर बढ़ा रहा है ऐसा वो नागरिक चीनी कंपनियों का इस्तेमाल अपनी सैन्य और खूफिया गतिविधियों में कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि यह कंपनियां प्राइवेट या नागरिकों द्वारा संचालित जरूर हैं, लेकिन यह सीधे तौर पर चीनी सेना, इंटेलीजेंस और सुरक्षा का समर्थन करती हैं और उनके विकास एवं आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराती हैं।
ट्रंप ने कहा कि यह कंपनियां अमेरिकी निवेशकों को सिक्यूरिटीज बेचकर धन जुटाती हैं और इसका इस्तेमाल अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में करती हैं। ट्रंप ने कहा कि चीन अमेरिकी निवेशकों का गलत इस्तेमाल कर रहा है और उनके धन का इस्तेमाल अपनी सेना के विकास और आधुनिकीकरण में कर रहा है।