नयी दिल्ली। भारत ने विश्व व्यापार संगठन के समक्ष कहा है कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट से मूल्यवान मानवीय जीवन बचाने और वैश्विक व्यापार में पुनरूद्धार तथा अंतरराष्ट्रीय जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को गति देने में मदद मिलेगी। विश्व व्यापार संगठन में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि ब्रजेन्द्र नवनीत ने तीन मई को व्यापार वार्ता समिति (टीएनसी) तथा अनौपचारिक एचओडी (प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख) के साथ औपचरिक बैठक में कहा कि ट्रिप्स समझौमे के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट का प्रस्ताव प्राथमिक सूची में ऊपर है।
पढ़ें- हिंदी समझती है ये वॉशिंग मशीन! आपकी आवाज पर खुद धो देगी कपड़े
पढ़ें- किसान सम्मान निधि मिलनी हो जाएगी बंद! सरकार ने लिस्ट से इन लोगों को किया बाहर
नवनीत ने कहा कि वायरस के प्रभाव को कम करने के लिये समयबद्ध तरीके से वैश्विक स्तर पर टीकाकरण चलाने की जरूरत है। और इसे हासिल करने में नियमों में सीमित छूट एक प्रभावी और व्यवहारिक उपाय है। उन्होंने कहा, ‘‘इस पर सकारात्मक परिणाम से न केवल मूल्यवान मानव जीवन बचाने में मदद मिलेगी बल्कि यह उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाने में भी मददगार होगा। साथ ही वैश्विक व्यापार और वैश्विक जीडीपी में तेजी लाएगा।’’
पढ़ें- LPG ग्राहकों को मिल सकते हैं 50 लाख रुपये, जानें कैसे उठा सकते हैं लाभ
पढ़ें- खुशखबरी! हर साल खाते में आएंगे 1 लाख रुपये, मालामाल कर देगी ये स्कीम
उल्ललेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 संक्रमण के इलाज, उसकी रोकथाम के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों के लिये ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट देने का प्रस्ताव किया। व्यापार संबंधित पहलुओं पर बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) जनवरी 1995 में अमल में आया। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार गोपनीयता जैसे बौद्धिक संपदा पर बहुपक्षीय समझौता है। नवनीत ने यह भी कहा, ‘‘हम ट्रिप्स काउंसिल प्रस्ताव को संशोधित कर रहे हैं और इस बारे में द्विपक्षीय स्तर पर भी बातचीत कर रहे हैं।’’