वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आज एक डरावनी तस्वीर दुनिया के सामने पेश की है। र्आएमएफ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि एक बार फिर से गंभीर मंदी की स्थिति पैदा होती है तो अमेरिका में 5,000 अरब डॉलर की सार्वजनिक संपत्ति डूब जाएगी। आईएमएफ ने कहा कि मंदी से अमेरिका को मात्र कर्ज और घाटा बढ़ने से बहुत अधिक नुकसान होगा।
आईएमएफ की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर की कई सरकारों के समक्ष इसी तरह का खतरा है। इसके बावजूद सरकारें स्पष्ट तौर पर अपनी संपत्ति या नेटवर्थ के बारे में खुलासा नहीं करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे नीति निर्माताओं को कुछ जानकारी नहीं हो पाती, जबकि वे इस तरह की सूचना का इस्तेमाल कर आर्थिक जोखिमों को टालने में मदद कर सकते हैं।
आईएमएफ इसी सप्ताह इंडोनेशिया में विश्व बैंक के साथ सालाना बैठकों का आयोजन कर रहा है। आईएमएफ ने सोमवार को वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के परिदृश्य को घटाया है। आईएमएफ ने इसके पीछे प्रमुख वजह बढ़ते व्यापार तनाव को बताते हुए कहा कि अगले साल और उससे आगे अमेरिका की वृद्धि दर सुस्त पड़ेगी।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका में कई कारणों से मंदी की आशंका बढ़ रही है। व्यापार विवाद के साथ बढ़ती ब्याज दरों का दबाव भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय संकट के एक दशक बाद भी सार्वजनिक संपत्ति पर इसका असर बाकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 विकसित अर्थव्यवस्थाओं का नेटवर्थ वैश्विक संकट से पहले की तुलना में 2007 से लेकर 2016 के बीच 11,000 अरब डॉलर घट चुका है। चीन का नेटवर्थ घटकर सकल घरेलू उत्पाद के आठ प्रतिशत पर आ गया है, जबकि अमेरिका का नेटवर्थ पिछले चार दशक से लगातार गिर रहा है।