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हर साल 10,000 करोड़ रुपए की होगी बचत, यदि पानी के जहाज से हो कोयले का ट्रांसपोर्टेशन

नितिन गडकरी ने कहा कि यदि देश के भीतर कोयले का ट्रांसपोर्टेशन जलमार्ग द्वारा पानी के जहाजों से हो तो सालाना 10 हजार करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है।

Abhishek Shrivastava
Updated : November 28, 2015 15:40 IST
हर साल 10,000 करोड़ रुपए की होगी बचत, यदि पानी के जहाज से हो कोयले का ट्रांसपोर्टेशन
हर साल 10,000 करोड़ रुपए की होगी बचत, यदि पानी के जहाज से हो कोयले का ट्रांसपोर्टेशन

नई दिल्‍ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि यदि देश के भीतर कोयले का ट्रांसपोर्टेशन जलमार्ग द्वारा पानी के जहाजों से हो तो सालाना 10 हजार करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है। गडकरी ने कहा कि अंतरर्देशीय जलमार्गों के जरिये सामान और यात्रियों की आवाजाही को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।

उन्‍होंने उम्मीद जताई कि संसद के शीतकालीन सत्र में देशभर में 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्गों में परिवर्तित करने का विधेयक पारित हो जाएगा।

गडकरी ने उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्देशीय जलमार्गों की मदद से लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने के अलावा देशभर में वस्तुओं और यात्रियों की आवाजाही को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। इसके अलावा इनके जरिये सिर्फ कोयला परिवहन से ही सालाना 10,000 करोड़ रुपए बचाए जा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जलमार्ग परिवहन एक पर्यावरणनुकूल तथा सस्ता माध्यम है। उन्होंने कहा कि एक अश्वशक्ति (एचपी) के आधार पर सड़क मार्ग के जरिये 150 किलोग्राम, रेल से 500 किलोग्राम व जलमार्ग से 4,000 किलोग्राम का परिवहन किया जा सकता है। वहीं एक लीटर ईंधन से सड़क मार्ग से प्रति किलो मीटर 24 टन माल की ढुलाई की जा सकती है, जबकि इतने ही ईंधन से रेल के जरिये प्रति किलो मीटर 85 टन और जलमार्ग से प्रति किलो मीटर 105 टन माल ढोया जा सकता है। गडकरी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्गों में बदलने की योजना को संसद की मंजूरी मिल जाएगी। नदियों को जलमार्ग घोषित करने के बाद देश में जल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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