नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) ने जोर देते हुए कहा कि 4G और 5G सेवाओं की अगले दौर की नीलामी में स्पेक्ट्रम की मांग बढेगी। नियामक ने इस तरह के विचार को नकारा है कि वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही दूरसंचार कंपनियां दाम में भारी कटौती के बावजूद नीलामी में सतर्कता बरत सकती हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के सचिव एस के गुप्ता ने कहा कि यह देखते हुए कि निकट भविष्य में 5G सेवाएं शुरू होने जा रही है, हमें उम्मीद है कि इन बैंडों की मांग निश्चित रूप से होगी जहां 5G के लिये तंत्र विकसित कर लिया गया है। दूरसंचार ऑपरेटर इसके लिए बोली लगाएंगे। इसमें 700 मेगाहर्ट्ज बैंड भी शामिल है, जिसका उपयोग 5G सेवा के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ट्राई ने सिंगापुर, जर्मनी, डेनमार्क और ताइवान जैसे बाजारों में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी को ध्यान में रखते हुये 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की दरें कम करने का सुझाव दिया है। ट्राई ने 700 मेगाहर्ट्ज प्रीमियम बैंड के आधार मूल्य में 43 प्रतिशत कटौती का सुझाव दिया है। ट्राई ने इसके लिये आधार मूल्य करीब 6,568 करोड़ रुपए प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की है। यह बैंड पिछली नीलामी में खरीदारों को आकर्षित करने में नाकाम रहा था।
गुप्ता ने कहा कि हमने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि अब सिफारिशें अंतरराष्ट्रीय रुख की तर्ज पर है। उन्होंने कहा कि 5G सेवाओं के लिए एक नए 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड को खोला गया है। दूरसंचार ऑपरेटरों के पास अगली पीढ़ी की सेवाओं के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम के वास्ते बोली लगाने के लिए "भारी अवसर" उपलब्ध हैं।
गुप्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 700 मेगाहर्ट्ज में मांग होगी क्योंकि इसके लिये पारिस्थितिकी तंत्र को काफी हद तक विकसित किया गया है और यह एलटीई और 5G सेवा के लिए वांछित बैंड बन रहा है। इसलिए उम्मीद है कि भविष्य में 5G और एलटीई प्रदान करने के लिये इस बैंड का इस्तेमाल किया जायेगा। लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी LTE मोबाइल उपकरणों के लिए उच्च गति वायरलेस संचार उपलब्ध कराता है।