नई दिल्ली। नई टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो और मौजूदा अन्य कंपनियों के बीच जारी प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्ट (पीओआई) विवाद में हस्तक्षेप करते हुए टेलीकॉम नियामक ट्राई ने मौजूदा कंपनियों से सेवा की गुणवत्ता का पालन करने और इस संबंध में 17 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा कराने को कहा है।
ट्राई ने एक बयान में कहा, पीओआई पर जाम की वजह से दो अलग-अलग नेटवर्कों पर कॉल जुड़ने में बड़े पैमाने पर असफलता देखने को मिली है। यह ग्राहकों के हित को प्रभावित करता है इसलिए उनके हितों की रक्षा के लिए प्राधिकरण (ट्राई) ने दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय किया है। पीओई के माध्यम से ही एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कॉल जोड़ना संभव हो पाता है।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी जियो ने इस मुद्दे को ट्राई के समक्ष उठाया था। उसने आरोप लगाया था कि मौजूदा ऑपरेटर्स उसे पर्याप्त प्वाइंट ऑफ कनेक्शन उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में कॉल विफल हो रहे हैं। मौजूदा कंपनियों ने ट्राई से भारी विषम ट्रैफिक को रोकने के लिए रास्ता निकालने और रिलायंस जियो के फ्री कॉल सूनामी से अपने आप को बचाने का आग्रह किया था।
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- ट्राई ने सीमा से अधिक कॉल ड्रॉप होने पर 27 सितंबर को टेलीकॉम ऑपरेटर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
- तीन दिन बाद ट्राई ने इस मुद्दे पर टेलीकॉम कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की।
- ट्राई ने एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जियो से दैनिक कॉल टैरिफ डाटा रिपोर्ट जमा करने को कहा।
- ट्राई ने कहा कि सेवा गुणवत्ता नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और लाइसेंस के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है।
- इंटरकनेक्शन के सेवा गुणवत्ता नियमों के मुताबिक प्रति 1000 कॉल में से 5 से ज्यादा कॉल फेल नहीं हो सकते हैं।