नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज गैर-दूरसंचार कंपनियों द्वारा सार्वजनिक वाई-फाई लगाए जाने की अनुमति देने पर लोगों के विचार मांगे हैं। ट्राई ने कहा है कि इस तरह के सस्ते वाई-फाई ढांचे से इंटरनेट की कीमतों में 90 फीसदी तक की कमी आ सकती है और तेज गति की इंटरनेट सुविधा भी मिलेगी।
सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्कों के माध्यम से ब्राडबैंड प्रसार पर अपने एक परिचर्चा पत्र में ट्राई ने कहा है कि सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का अर्थ वृहद है और इसका आशय लाइसेंसधारी सेवा प्रदाताओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई हॉटस्पॉट बनाए जाने तक सीमित नहीं है। इसमें ऐसे छोटे उद्यमी या कोई बेहद छोटी संस्था भी शामिल हो सकती है जो लोगों के साझा प्रयोग के लिए वाई-फाई नेटवर्क का विस्तार करने में भागीदारी कर सकती है। नियामक ने इस संबंध में लोगों से 10 अगस्त तक अपने विचार साझा करने को कहा है।
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सीओएआई ने ट्राई के समान स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के प्रस्ताव किया समर्थन
दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओआईए ने ट्राई के समान स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के प्रस्ताव का समर्थन किया है। संगठन का कहना है कि सरकार को ट्राई के समान स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के सुझाव पर अमल करना चाहिए या अगर अंतरिम भारांश वाले औसत फार्मूले को अपनाने का फैसला करती है तो उसे इस संबंध में स्पष्ट समयसीमा तय करनी चाहिए। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के समान स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की राय पर कायम रहने का स्वागत करते हुए सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा, हमारा मानना है कि इसे ट्राई द्वारा पहले सुझाए गए एक फीसदी समान शुल्क की ओर बढ़ना चाहिए।
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