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मिनिमम कॉल रेट TRAI चेयरमैन आरएस शर्मा का बयान, कहा- रेग्युलेटर नहीं देगा इस मामले में दखल

TRAI चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि रेग्युलेटर को मिनिमम प्राइस फिक्स नहीं करना चाहिए। रेग्युलेटर के लिए ऐसा करना ठीक भी नहीं होगा।

Ankit Tyagi
Updated on: May 05, 2017 12:48 IST
मिनिमम कॉल रेट पर TRAI चेयरमैन आरएस शर्मा का बयान, कहा- रेग्यूलेटर नहीं देगा इस मामले में दखल- India TV Paisa
मिनिमम कॉल रेट पर TRAI चेयरमैन आरएस शर्मा का बयान, कहा- रेग्यूलेटर नहीं देगा इस मामले में दखल

नई दिल्ली। मिनिमम कॉल रेट्स के मामले पर टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने साफ कहा कि इस बात को लेकर बहुत शोर मचाया जा रहा है कि रेग्यूलेटर को मिनिमम प्राइस फिक्स करना चाहिए। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि रेग्यूलेटर के लिए ऐसा करना ठीक होगा।

उन्होंने इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) को वॉइस कॉल के लिए मिनिमम प्राइस माने जाने की उनकी मांग खारिज कर दी। आपको बता दें कि भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने ट्राई से कहा था कि 14 पैसे प्रति मिनट के आईयूसी को रिटेल वॉइस टैरिफ का सबसे निचला स्तर माना जाना चाहिए और रिलायंस जियो इंफोकॉम के फ्री वॉइस कॉल ऑफर को बैन किया जाना चाहिए।

आरएस शर्मा ने कहा-

मुझे नहीं लगता कि रेग्युलेटर को मिनिमम प्राइस फिक्स करना चाहिए। ऐसा करना ठीक भी नहीं होगा। यह तो नहीं हो सकता कि कस्टमर्स के लिए आप प्राइस चाहे जितना बढ़ाएं, लेकिन एक तय सीमा से नीचे न ले जाएं। ट्राई का मानना है कि बेवजह की दखलंदाजी से बात नहीं बनेगी। लॉन्ग टर्म में कम से कम दखल और रेग्युलेशन होना चाहिए।

प्रतिस्पर्द्धा सेक्टर के लिए बेहतर

पहले से मौजूद कंपनियों ने ट्राई पर जियो का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। हालांकि ट्राई ने इसका सख्ती से खंडन किया है। शर्मा ने कहा कि रेग्युलेटर की प्राथमिकता में टेलिकॉम सेक्टर की हेल्थ है। उन्होंने कहा, टेलिकॉम इंडस्ट्री मैच्योर है। इसमें प्रतिस्पर्द्धा है, जो अच्छी बात है। यह भी पढ़े: विकास से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए 5G इस्तेमाल करे भारत : TRAI चेयरमैन

क्या होता है आईयूसी

आईयूसी वह चार्ज होता है, जो कॉलर का ऑपरेटर रिसीविंग पॉर्टी के ऑपरेटर को चुकाता है। यह भी पढ़े: ट्राई करेगा टैरिफ रूल्‍स और नंबरिंग प्‍लान की समीक्षा, टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर होगा विचार-विमर्श

क्यों परेशान है कंपनियां

रिलायं जियो ने सितंबर में फ्री वॉइस और डेटा ऑफर्स के साथ शुरुआत की थी। और लॉन्च के 170 दिनों के भीतर 10 करोड़ सब्सक्राइबर्स जोड़कर टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचा दिया। इससे अब अन्य टेलीकॉम कंपनियां डर गई है। हालांकि, पहली अप्रैल से जियो ने डेटा के लिए पैसा लेना शुरू किया, लेकिन उसने वादा किया है कि वॉइस कॉल हमेशा फ्री रहेगी। इससे दूसरी कंपनियों को दिक्कत हो रही है, जो अब भी अपनी आमदनी का 80 फीसदी हिस्सा वॉइस से जुटाती हैं।

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