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किसान आंदोलन से अब तक कारोबार को कितना नुकसान, व्यापार संगठन ने दिए आंकड़े

कृषि कानून के विरोध में बड़ी संख्या में किसान पिछले कई दिनों से राजधानी की सीमाओं पर जमे हुए हैं। सरकार कानूनों में संशोधन पर बातचीत के लिए तैयार है, हालांकि किसान संगठन कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने पर अड़े हैं। इसी वजह से आंदोलन लगातार जारी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 22, 2020 16:55 IST
किसान आंदोलन का असर- India TV Paisa
Photo:FILE

किसान आंदोलन का असर

नई दिल्ली: तीन हफ्ते से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आंदोलन का कारोबार पर असर अब सामने दिखने लगा है। व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि कैट ने आंदोलन की वजह से हुए नुकसान का अनुमान दिया है। कैट के मुताबिक आंदोलन की वजह से ट्रक और सामान की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है।

कारोबारियों को कितना हुआ नुकसान

व्यापारियों के संगठन कैट द्वारा कहा गया है कि इस आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हुआ है। कैट ने इस मामले को लेकर किसान नेताओं एवं केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि, बातचीत के द्वारा इस मसले को तुरंत सुलझाया जाए। वहीं सर्वोच्च न्यायालय से भी अनुरोध किया है कि व्यापारियों एवं अन्य लोगों की परेशानियों को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय की वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख निश्चित करे।

आंदोलन से कैसे थमा कारोबार

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अनुमान लगाते हुए कहा है कि आंदोलन के कारण लगभग 20 प्रतिशत ट्रक देश के अन्य राज्यों से सामान दिल्ली नहीं ला पा रहे हैं। जिसके कारण दिल्ली से अन्य राज्यों को भेजे जाने वाले सामान पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। कैट के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देश भर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं और लगभग 30 हजार ट्रक प्रति दिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं।

आवश्यक सामान की सप्लाई पर क्या है असर

राष्ट्रीय महामंत्री के मुताबिक फिलहाल दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की कोई किल्लत नहीं है। कैट एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेल्फैएर एसोसिएशन (ऐटवा) दोनों संयुक्त रूप से माल की आवाजाही पर प्रतिदिन निगाह रखे हुए हैं और पूरा प्रयत्न कर रहे हैं की दिल्ली अथवा अन्य किसी राज्य में किसी भी वस्तु की कोई कमी न हो।

आंदोलन बढ़ा तो कहा दिख सकता है असर

राष्ट्रीय महामंत्री ने आगे कहा कि, मुख्य रूप से अन्य राज्यों से एफएमसीजी प्रोडक्ट, लोगों द्वारा रोजमर्रा के उपयोग का सामान, खाद्धान, फल एवं सब्जी, किराने का सामान, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान, दवाइयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा-स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाइवुड, रेडीमेड वस्त्र आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं। अगर आंदोलन खिंचा तो इन समान की सप्लाई पर असर दिख सकता है।

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