Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. व्‍यापारियों को जुलाई-अगस्त के लिए GST रिटर्न के नियमों में मिली ढील, 30 जून की आधी रात से नई कर व्‍यवस्‍था होगी लागू

व्‍यापारियों को जुलाई-अगस्त के लिए GST रिटर्न के नियमों में मिली ढील, 30 जून की आधी रात से नई कर व्‍यवस्‍था होगी लागू

देश में 30 जून की आधी रात से GST व्यवस्था लागू कर दी जाएगी लेकिन पहले दो महीने तक कर रिटर्न को दाखिल करने के नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला किया गया है।

Manish Mishra
Updated : June 19, 2017 11:00 IST
व्‍यापारियों को जुलाई-अगस्त के लिए GST रिटर्न के नियमों में मिली ढील, 30 जून की आधी रात से नई कर व्‍यवस्‍था होगी लागू
व्‍यापारियों को जुलाई-अगस्त के लिए GST रिटर्न के नियमों में मिली ढील, 30 जून की आधी रात से नई कर व्‍यवस्‍था होगी लागू

नई दिल्ली देश में 30 जून की आधी रात के बाद वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) की नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी लेकिन पहले दो महीने तक कर रिटर्न को दाखिल करने के नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला किया गया है ताकि व्यापारियों को नई प्रणाली को अपनाने में प्रारंभिक दिक्कतों से निबटने में सहूलियत हो सके। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने GST को लागू करने के कार्यक्रम को कुछ और समय टालने की उद्योग एवं व्यापार जगत की मांग को नामंजूर करते हुए कहा कि अब इसके लिए सरकार के पास गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने देश को भरोसा दिलाया कि GST के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का बुनियादी ढांचा पूरी तरह जांचा-परखा जा चुका है और GST के लिए सारी प्रणालियां तैयार हैं।

आपको बता दें कि 15 अगस्त 1947 की आधी रात को मिली आजादी के जश्न के लिए आयोजित समारोह ट्रिस्ट ऑफ डेस्टिनी (भाग्य से साक्षात्कार) की तरह ही नरेंद्र मोदी सरकार 1 जुलाई को वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) का शुभारंभ संसद के केंद्रीय कक्ष से करने की योजना बना रही है।

यह भी पढ़ें : ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को जल्‍द मिलेगी हाई स्‍पीड इंटरनेट की सुविधा, रेलवे कर चुका है तैयारी

रविवार को GST परिषद की बैठक के बाद वित्‍त मंत्री ने कहा कि कई कंपनियों तथा व्यापारियों ने तैयारी की कमी के मुद्दे को उठाया था। पर, हमारे पास GST का क्रियान्वयन टालने की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि GST को 30 जून की आधी रात को लागू कर दिया जाएगा। GST परिषद की 17 वीं बैठक में AC होटल परिचालकों को राहत देते हुए 7,500 रुपए तक के किराए वाले कमरों के बिल पर 18 प्रतिशत की दर से और उससे अधिक के कक्ष के किरायों पर 28 प्रतिशत की दर से GST लगाने का फैसला किया गया है। पहले 5,000 रुपए से अधिक के AC कमरों के बिल पर 28 फीसदी की दर से कर लगाने का प्रावधान किया गया था। वित्‍त मंत्री ने बैठक के बाद ब्योरा देते हुए कहा कि 2,500-7,500 रुपए तक के एसी कमरों के बिल पर 18 फीसद की दर से GST लागू होगा।

परिषद ने लॉटरी पर कर की दो श्रेणी रखने का निर्णय किया है। सरकारी लॉटरी पर 12 प्रतिशत तथा सरकारों से अधिकृत लॉटर पर 28 प्रतिशत कर लगेगा। संशाधित नियमों के अनुसार जुलाई के लिए संशोधित रिटर्न फाइलिंग के तहत बिक्री का ब्योरा 10 अगस्त के बजाए अब पांच सितंबर तक दाखिल कराया जा सकता है। कंपनियों को अगस्त के अपने बिक्री इनवॉयस GST नेटवर्क पर 10 सितंबर के बजाए 20 सितंबर तक जमा करना होगा।

यह भी पढ़ें :एयर इंडिया ने पेश किया सावन स्‍पेशल ऑफर, मात्र 706 रुपए में मिलेगा हवाई सफर का मौका

जेटली ने कहा कि किसी तरह की शिकायत या तैयारी में कमी को ध्यान में रखते हुए पहले दो महीने (जुलाई-अगस्त) के रिटर्न को दाखिल करने के मामले में थोड़ी मोहलत दी गयी है। इसका मतलब है कि जो लोग अभी तैयार नहीं है उन्हें ढाई महीने का मौका तैयारी के लिए मिल जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई कहता है कि वह तैयार नहीं है तो वह यह उसका जोखिम है। उन्होंने कहा कि इस अंतरिम अवधि में रिटर्न फाइल करने में देरी को लेकर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा , कारोबारियों को स्वत: घोषणा के आधार पर रिटर्न भरने होंगे।

वित्‍त मंत्री ने यह भी बताया कि परिषद ने GST पर एडवांस रुलिंग (अग्रिम व्यवस्था), अपील एवं पुनरीक्षण, आकलन, मुनाफाखोरी निरोधक व्यवस्था और कोष के निपटान से संबंधित छह तरह के नियमों को भी मंजूरी दी है। सूत्रों ने बताया कि GST के तहत पांच सदस्यों वाले मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जो अंतत: संबंधित मामलों को सुरक्षा निदेशालय (डीजीएस) के पास आगे की जांच के लिए भेजेगा।

यह भी पढ़ें : केंद्र सरकार 67,000 कर्मचारियों के रिकॉर्ड की कर रही है समीक्षा, एक साल में 129 की हुई छुट्टी

जहां तक ई-वे विधेयक का प्रश्न है तो GST परिषद में इस पर सहमति नहीं बन पाई थी। राज्यों को फिलहाल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाली वाणिज्यिक वस्तुओं के बारे में वर्तमान व्यवस्था को जारी रखने की छू दे दी गई है। जेटली ने कहा कि परिषद में दो तरह की राय थी। इस पर आगे और चर्चा की जाएगी। तब तक के लिए राज्यों को मौजूदा व्यवस्था जारी रखने की छूट होगी। इस बारे में GST परिषद की 30 जून को होने वाली बैठक में या उसके बाद फैसला हो सकता है।

ई-वे बिल के मसौदे के अनुसार 50000 रुपए से ऊपर की किसी वस्‍तु को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए GST नेटवर्क (GSTN) में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा ताकि कर चोरी न हो। सूत्रों के अनुसार ई-वे के लिए बुनियादी सुविधा तैयार करने में कम से कम दो महीने लगेंगे।  जेटली ने कहा कि मौजूदा उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट व्यवस्था के तहत पंजीकृत 80.91 लाख पंजीकृत करदाता इकाइयों में से 65.6 लाख यानि 81.1 फीसदी इकाइयां GSTN पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा चुकी हैं। पंजीकरण का काम 15 जून को बंद हो गया था। उसे 25 जून को फिर खोला जाएगा और यह सारा काम संतोषजनक ढंग से चल रहा है।

जेटली ने कहा, GSTN पर जाने के लिए कारोबारियों को हड़बड़ी करने की जरुरत नहीं है। उनकी अस्थाई पहचान संख्या वही होगी जो GSTIN पहचान संख्या है। नए कारोबारियों के लिए भी जल्दबाजी नहीं है क्योंकि उन्हें GSTN के लिए 30 दिन का मौका मिलेगा।

यह भी पढ़ें : अमेजन के संस्‍थापक जेफ बेजोस ने ट्विटर पर पूछा कहां दान करूं संपत्ति, मिले 36000 जवाब

परिषद ने विशेष श्रेणी के राज्यों में अधिकतम 50 लाख रुपए तक के सलाना कारोबार करने वाली इकाइयों को कंपोजिशन (एकमुश्त शुल्क की आसान व्यवस्था) में रखने का फैसला किया है लेकिन उत्‍तराखंड के लिए यह सीमा 75 लाख रुपए होगी। जेटली ने कहा कि उाराखंड और जम्मू कश्मीर को छोड़कर पूर्वोत्‍तर राज्यों और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य पहाड़ी राज्यों में एकमुश्त कर योजना के लिए कारोबार की अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए का फैसला किया गया है।

जहाजरानी सेवा के पोतों पर GST (IGST) पांच प्रतिशत होगा और इस पर इनपुट क्रेडिट दी जाएगी। जिन राज्यों ने GST विधेयक पारित नहीं किया है, उनके बारे में पूछे जाने पर वित्‍त मंत्री ने कहा, ऐसे तीन राज्य ही बचे हैं। तमिलनाडु विधानमंडल की बैठक कल होगी। पश्चिम बंगाल ने अध्यादेश पहले ही पारित कर दिया और उम्मीद है कि पंजाब और केरल इसे पारित कर देंगे। उसके बाद सिर्फ जम्मू-कश्मीर बचता है। (उसे छोड़ कर) सभी राज्य अगले हफ्ते के अंत तक यह काम पूरा कर लेंगे।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement