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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा, संकट निपटने तक बंद किए गए नोट चलाने की अनुमति दी जाए

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) ने सरकार से मांग की कि करेंसी का संकट निपटने तक बंद किए गए 500 और 1,000 के नोट को चलाने की अनुमति दी जाए।

Dharmender Chaudhary
Published : November 23, 2016 21:37 IST
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा, संकट निपटने तक बंद किए गए नोट चलाने की अनुमति दी जाए
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा, संकट निपटने तक बंद किए गए नोट चलाने की अनुमति दी जाए

नई दिल्ली। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) ने सरकार से मांग की कि करेंसी का संकट निपटने तक बंद किए गए 500 और 1,000 के नोट को चलाने की अनुमति दी जाए। इसके साथ यूनियनों ने श्रमिकों से बिना सोचे विचारे की गई इस नोटबंदी का विरोध करने का आह्वान किया।

दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, सीटीयू की मांग है कि यह संकट निपटने तथा पर्याप्त मात्रा में नए करेंसी की उपलब्धता सुनिश्चित होने तक 500 और 1000 के बंद नोटों को चलाने की अनुमति दी जाए। वहीं इस परेशानी के दौर में जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।

  • सीटीयू ने इसके साथ ही कामगारों और उनकी ट्रेड यूनियनों का आह्वान किया है।
  • चाहे वो किसी भी दल के हों, उन्हें परेशान लोगों के समर्थन में आगे आना चाहिए।
  • देशभर में इस बिना सोचे विचारे फैसले करने वाली असंवदेनशील सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
  • दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की कल बैठक हुई थी जिसमें नोटबंदी से लोगों को हो रही दिक्कतों और आर्थिक गतिविधियों में आई अड़चनों पर विचार किया गया।
  • सीटीयू ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ शनिवार को बजट पूर्व विचार विमर्श में भी यह मुद्दा उठाया था।

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनें प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों के असंवेदनशील, असम्मानजनक बयानों और लापरवाह व्यवहार की आलोचना करती हैं। सत्तारूढ़ दल लोगों की परेशानियों से अनजान बना हुआ है। एक विफल सरकार ने कालेधन पर अंकुश के नाम पर यह कदम उठाया है। जबकि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों ने इस पर आलोचनात्मक टिप्पणियां की हैं।

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