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Budget 2016: श्रम संगठनों ने वित्त मंत्री से की 18,000 न्‍यूनतम वेतन की मांग, आयकर छूट की सीमा हो 5 लाख रुपए

ट्रेड यूनियनों ने आज सरकार से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा बढाकर पांच लाख रुपए तथा न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 18,000 रुपए करने की मांग की।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated : January 05, 2016 11:51 IST
Budget 2016: श्रम संगठनों ने वित्त मंत्री से की 18,000 न्‍यूनतम वेतन की मांग, आयकर छूट की सीमा हो 5 लाख रुपए
Budget 2016: श्रम संगठनों ने वित्त मंत्री से की 18,000 न्‍यूनतम वेतन की मांग, आयकर छूट की सीमा हो 5 लाख रुपए

नई दिल्ली: ट्रेड यूनियनों ने आज सरकार से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा बढाकर पांच लाख रुपए तथा न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 18,000 रुपए करने की मांग की। इसके साथ ही यूनियनों ने सभी के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 3000 रुपए करने की भी मांग की है जबकि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत रेखांकित की है। वित्त मंत्री जेटली के साथ यहां बजट पूर्व चर्चा के दौरान 11 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने अपने 15 सूत्री ज्ञापन में उक्त मांगे उठाई हैं। यूनियनों ने तमिलनाडु में हाल ही कि बाढ़ के प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज देने की मांग भी की।

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आगामी वित्त वर्ष 2016-17 का केंद्रीय बजट फरवरी के आखिर में संसद में पेश किया जाना है जो एक अप्रैल 2016 से लागू होगा। भारतीय मजदूर संघ के मंडल संगठन सचिव पवन कुमार ने बैठक के बाद कहा, हमने 18,000 रुपए प्रति माह के न्यूनतम वेतन की मांग की है जो 15,000 रुपए की पूर्व मांग से अधिक है। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 18,000 रुपए न्यूनतम मासिक वेतन की सिफारिश की है और यह मानक होना चाहिए। वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार जेटली ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है और सरकार मौजूदा समय में इससे निपटना चाहती है जबकि देश में असंगठित क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों, पलायन करके आए श्रमिकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसी विभिन्न योजनाओं के स्वयंसेवकों को स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित करना मौजूदा सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है।

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बैठक के बाद ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के सचिव डी एल सचदेव ने कहा, हमने सभी के लिए 3000 रुपए न्यूनतम मासिक पेंशन की मांग भी रखी है। इसके साथ ही तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज देने को कहा। सचदेव ने कहा कि कीमतों में बढोतरी को देखते हुए हमने सरकार से आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपए सालाना करने की मांग की है। यूनियनों ने आवास, चिकित्सा व शिक्षा सुविधा जैसे अन्य (फ्रिंज) लाभों को भी आयकर से छूट देने की मांग की है। साथ ही मांग की है कि सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को मजबूत बनाया जाए व इनका विस्तार किया जाए तथा मुनाफा कमा रही पीएसयू में सरकारी शेयरों के विनिवेश पर रोक लगाई जाए।

सचदेवा ने बीमार सार्वजनिक उपक्रमों के पुनरद्धार के लिये बजट समर्थन दिये जाने की भी मांग की है। उन्होंने आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिये प्रभावी कदम उठाने की भी मांग की है। श्रमिक संगठनों ने मांग की है कि सार्वजनिक उपक्रमों का सुदृढीकरण और उनका विस्तार किया जाना चाहिये तथा लाभ में चलने वाले सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार के हिस्सेदारी के विनिवेश को रोका जाना चाहिये। मूल्यवृद्धि के संदर्भ में मांग पत्र में कहा गया है कि विशेष तौर पर खाद्य एवं दैनिक इस्तेमाल वाले खाद्य जिंसों की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने चाहिये। इसमें कहा गया है कि आवश्यक जिंसों के सटोरिया वायदा कारोबार को प्रतिबंधित करने के साथ जमाखोरी को रोकना चाहिये तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण एवं सार्वभौमिकरण किया जाना चाहिये। मांग पत्र में कहा गया है कि रक्षा उत्पादन, रेलवे, वित्तीय क्षेत्र, खुदरा व्यापार और अन्य सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये।

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