नई दिल्ली। कमजोर वैश्विक मांग के बीच देश के निर्यात में लगातार 17वें महीने गिरावट आई है और अप्रैल में यह 6.74 फीसदी घटकर 20.5 अरब डॉलर पर आ गया। अप्रैल में व्यापार घाटा आधे से अधिक घटकर 4.84 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 11 अरब डॉलर रहा था। इसमें पेट्रोलियम तथा इंजीनियरिंग निर्यात में गिरावट का कुल निर्यात पर बड़ा असर पड़ा है। अप्रैल में आयात भी 23.1 फीसदी घटकर 25.41 अरब डॉलर पर आ गया, जो अप्रैल, 2015 में 33 अरब डॉलर रहा था।
वाणिज्य मंत्रालय ने व्यापार आंकड़े जारी करते हुए कहा कि निर्यात में गिरावट अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रुख के अनुरूप है। विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के अनुसार फरवरी में अमेरिका के निर्यात की वृद्धि दर में 3.87 फीसदी, चीन में 25.34 फीसदी और जापान में 1.10 फीसदी की गिरावट आई है। कमजोर वैश्विक मांग तथा तेल कीमतों में गिरावट से दिसंबर, 2014 से निर्यात लगातार नीचे आ रहा है।
कच्चा तेल आयात अप्रैल में 24.01 फीसदी घटकर 5.6 अरब डॉलर रह गया। गैर तेल आयात 22.83 फीसदी घटकर 19.75 अरब डॉलर रह गया। अप्रैल में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 28.15 फीसदी घटकर 1.97 अरब डॉलर रहा, वहीं इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 19 फीसदी की गिरावट के साथ 4.76 अरब डॉलर रह गया। देश के निर्यात में इन दो क्षेत्रों का प्रमुख योगदान है। चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में जिन अन्य क्षेत्रों का निर्यात घटा उनमें कालीन, चमड़ा, चावल तथा काजू शामिल हैं। वहीं इस दौरान चाय, कॉफी, रत्न एवं आभूषण तथा फार्मास्युटिल्स का निर्यात बढ़ा। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में निर्यात 15.8 फीसदी घटकर पांच साल के निचले स्तर 261.13 अरब डॉलर पर आ गया।