नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ने की उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 2025 तक 30 अरब डॉलर हो जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को भारत में समर्पित रक्षा उद्योग पार्क बनाने का न्योता दिया। द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी की बात को महसूस करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश आने वाले दिनों में नई व नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु प्रौद्योगिकी और रक्षा के क्षेत्र में अधिक अधिक घनिष्ठता से कार्य करेंगे।
भारत-रूस व्यापार शिखर वार्ता को यहां संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। पुतिन ने रूसी भाषा में बोल रहे थे, जिसका उसी समय अनुवाद किया जा रहा था। पुतिन ने कहा कि आपसी व्यापारिक कारोबार में काफी इजाफा हुआ है। वर्ष 2017 में 21 फीसदी की वृद्धि के साथ व्यापार 9.36 अरब डॉलर हो गया। इस साल जनवरी से जुलाई के दौरान 20 फीसदी की वृद्धि के साथ छह अरब डॉलर का व्यापार हुआ और हम इसे 10 अरब डॉलर या उससे अधिक करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति से अधिक संवृद्धि व निवेश हासिल करना संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि हम अपना आपसी व्यापार बढ़ाकर 2025 तक 30 अरब डॉलर करना चाहते हैं। साथ ही, दोनों में से प्रत्येक देश में आपस में 15 अरब डॉलर का निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्र में गठबंधन करने के लिए दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग बढ़ाने से यह संभव हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दो साल में दोनों देशों के बीच परस्पर व्यापार काफी बढ़ा है और वर्ष 2017-18 में द्विपक्षीय व्यापार में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हम अपने आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए रूस को सबसे महत्वपूर्ण साझेदार मानते हैं। हमारा संबंध हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार सुगमता) को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ साल में राज्यों में काफी काम हुआ है। इस संबंध में हमें रूस और भारत के राज्यों के बीच अधिक वार्ता की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि अगर रूस भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम का हिस्सा बनता है तो और भी सहयोग की संभावना है। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और रूस दोनों को मित्र माना जाता है। प्रौद्योगिकी की खरीद बिक्री के अतिरिक्त अब हम मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में प्रौद्योगिकी का विकास कर सकते हैं। रक्षा के क्षेत्र में हम अपनी पुरानी साझेदारी को आगे बढ़ा सकते हैं और भारत में नए उत्पाद बना सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत की आईटी व फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए मौका है कि वे रूस की कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम के माध्यम से वहां काम कर सकती है।