नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद भले ही भारत की आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई हो, लेकिन आने वाले अगले 5 साल में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान भारत की आर्थिक ताकत का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वह संतुलन के दिखावे की कोशिश में दूसरे तरीकों की तलाश करेगा।
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क्या कहती है रिपोर्ट
- द नैशनल इंटेलिजेंस काउंसिल (NIC) की ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट कहती है।
- भारत की आर्थिक क्षमता से मुकाबला करने में असक्षम पाकिस्तान संतुलन साधने का दिखावा करने के लिए दूसरे रास्तों की तलाश करेगा।
- एनआईसी अमेरिकी खुफिया समुदाय के लिए मध्यावधि और दीर्घावधि की रणनीतियां तैयार करती है।
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5 साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
- रिपोर्ट में कहा गया है, चूंकि, चीन की अर्थव्यवस्था नरम पड़ रही है और दूसरी अर्थव्यवस्थाओं का विकास भी मंद पड़ रहा है, ऐसे में भारत अगले 5 साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लेकिन, असमानता और धार्मिक मसलों से पैदा आंतरिक तनाव की वजह से विकास का विस्तार जटिल हो जाएगा।
पाकिस्तान को लगेगा बड़ा झटका
- एनआईसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान अपने लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों की तलाश करेगा, जिनसे उसे आर्थिक और सुरक्षा मदद मिल सकती है।
- सहयोगी देश पाकिस्तान को परमाणु शस्त्रागार और आपूर्ति के साधनों का विस्तार कर विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोध विकसित करने में भी मदद कर सकते हैं।
- इनमें युद्ध क्षेत्र के परमाणु हथियारों और समुद्री लड़ाई के विकल्पों को मजबूती प्रदान करना भी शामिल होगा।
आतंकवाद से बढ़ेगी पाकिस्तान की समस्या
- एनआईसी ने कहा, उग्रवाद पर लगाम कसने के प्रयास में इस्लामाबाद को कई मोर्चों पर आंतरिक सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ेगा।
- साथ ही, वहां इन अभियानों में इस्तेमाल औजारों की लगातार कमी, वित्तीय साधनों में गिरावट और अतिवाद का स्थान कम करने के लिए बदलावों की जरूरत पर विचार-विमर्श भी होंगे।
भारत संतुलन बनाने के लिए उठाएगा कई कदम
- एनआईसी के मुताबिक, भारत का बढ़ती आर्थिक ताकत और इलाके में इसकी हैसियत से समीकरण और जटिल हो जाएगा क्योंकि नई दिल्ली अपने बढ़ते हितों के संरक्षण के लिए पेइचिंग, मॉस्को और वॉशिंगटन के साथ रिश्ते का संतुलन साधता रहेगा।
छोटे देशों पर धाक बढ़ने से भारत को फायदा
- नई दिल्ली दक्षिण एशिया के छोटे देशों को विकास में सहयोग और अपनी अर्थव्यवस्था से संलग्नता बढ़ाकर उनकी आर्थिक हैसियत का फायदा देगा। इस प्रयास में खुद भारत को इलाके में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश को बल मिलेगा।