नई दिल्ली। नोटबंदी की घोषणा के बाद नोटबंदी से जुड़ी खबरें हों या नमक की कमी की अफवाहें, वर्ष 2016 में देशभर में फर्जी खबरों को लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस तरह की अफवाहें फैलाने में सोशल मीडिया का योगदान बढ़-चढ़ कर रहा। इन खबरों की व्यापकता और प्रभाव इस कदर रहा कि UNESCO और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जैसी आधिकारिक संस्थाओं को इनके खंडन के लिए आगे आना पड़ा। इतना ही नहीं दुनिया की दो सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग और इंटरनेट कंपनियों Facebook और Google को इस तरह की फर्जी खबरों के कारण कानूनी दांवपेच का सामना भी करना पड़ा।
आइए, नजर डालते हैं 2016 में इसी तरह की कुछ फर्जी खबरों पर, जिस पर देश की आम आबादी ने विश्वास कर लिया।
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UNESCO ने भारत की 2,000 रुपए की नई मुद्रा को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मुद्रा घोषित की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 2,000 रुपए मूल्य के नए नोटों को लेकर भी इसी तरह की अफवाह ने सिर उठाया। इस बार UNESCO की सांस्कृतिक जागरूकता विभाग के अध्यक्ष सौरभ मुखर्जी के हवाले से यह अफवाह फैली।
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नए नोटों में GPS चिप लगी हुई है, जिससे कालेधन का पता चल जाएगा
नोटबंदी के बाद फैली इस अफवाह ने तो आम नागरिकों के साथ-साथ मीडिया के एक समूह को भी अपनी चपेट में ले लिया। कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के कुछ ही देर बाद यह अफवाह फैलने लगी, जिसमें दावा किया गया कि RBI द्वारा जारी किए गए 2,000 रुपए के नए नोटों में GPS चिप लगी हुई है, जिससे सरकारी एजेंसी कभी भी कहीं भी रखे नोट का पता लगा सकती है। यहां तक दावा किया गया कि इन नए नोटों को अगर जमीन के अंदर 120 मीटर नीचे तक दबा दिया जाए तो भी इसमें लगी GPS चिप से सरकार को संकेत मिलेंगे। इस अफवाह का लाभ उठाते हुए कुछ लोगों ने निजी तौर पर ऐसे मोबाइल एप विकसित कर दिए, जिसमें स्कैन करने पर नोट के अंदर प्रधानमंत्री मोदी का भाषण चलने लगता है।
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नए नोट में रेडियोएक्टिव स्याही का इस्तेमाल
नोटबंदी को लेकर कई तरह की फर्जी खबरें फैलीं और इन्हीं में एक अफवाह के मुताबिक, नए नोटों में रेडियोएक्टिव स्याही का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से RBI बड़ी संख्या में एक साथ रखे गए नोटों का पता लगा सकती है। नोटबंदी के बाद कई जगहों से बड़ी संख्या में नए नोटों की बरामदगी के पीछे इस रेडियोएक्टिव स्याही को ही वजह बताई गई।
RBI ने 10 रुपए के सिक्के को अवैध घोषित किया
नोटबंदी की घोषणा से महीने भर पहले ही इस तरह की अफवाहें फैलीं कि RBI ने 10 रुपए के सिक्के को अवैध घोषित कर दिया है। इस तरह के फर्जी संदेश व्हाट्सएप पर आगरा, दिल्ली और मेरठ में खूब प्रसारित हुए। इस फर्जी खबर के चलते आम नागरिकों को परेशानी तब झेलनी पड़ी, जब दुकानदार 10 रुपए के सिक्के लेने से मना करने लगे। अंतत: RBI को घोषणा करनी पड़ी कि 10 रुपए के सिक्के वैध हैं और उन्हें लेने से मना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
देश में हुई नमक की कमी
इस खबर ने तो किराने की दुकानों पर नमक लेने वालों का तांता लगा दिया और कई जगहों पर तो बहुत ऊंचे दामों पर नमक बिके भी। कानपुर में लोग एक दुकान में नमक के पैकेट लूटने लगे और भगदड़ के बीच पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से एक महिला की मौत तक हो गई।