नई दिल्ली। कहने को तो भारत 2025 तक दुनिया की तीसरे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। कुछ आशावादी लोग तो यहां तक मानते हैं कि अगले 20-25 साल में भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका को भी पीछे कर देगी, लेकिन आंकड़ें देखें तो हमें अपनी सच्चाई बिल्कुल साफ दिख जाएगी, आंकड़े साफ बता रहे हैं कि भारत की जिन कंपनियों पर हमें सबसे ज्यादा गर्व होता है वह कंपनियां अमेरिका की कंपनियों के आगे दूर-दूर तक नहीं टिक पाती हैं।
हमारी 8 हजार कंपनियों के बराबर अमेरिका की 4 कंपनियां
भारतीय शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 8-9 हजार कंपनियां लिस्टेड हैं और इन सभी लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट वेल्यू देख ली जाए तो मुश्किल से 150 लाख करोड़ का आंकड़ा बनता है वहीं अमेरिका की टॉप की 4 कंपनियां ही इस आंकड़े तक पहुंच जाती हैं।
रिलायंस इंडस्ट्री से 10 गुना बड़ी Apple
भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है और अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनी Apple है जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी भी है, रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट कैप जहां 5.5-6 लाख करोड़ रुपए के बीच है वहीं Apple की मार्केट कैप लगभग 845 अरब डॉलर यानि 55 लाख करोड़ रुपए के बराबर है। आंकड़ा साफ कह रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज से Apple लगभग 10 गुना बड़ी है।
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट दूसरे और तीसरे नंबर पर
अमेरिका की दूसरी बड़ी कंपनी alphabet है, जिसने सबसे बड़े सर्च इंजन Google को तैयार किया है। इस कंपनी की मार्केट कैप लगभग 700 अरब डॉलर यानि 45.5 लाख करोड़ रुपए के करीब है, तीसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट है जो अमेरिका के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी है, इसकी मार्केट कैप 692 अरब डॉलर यानि 44.9 लाख करोड़ रुपए है।
नंबर 4 से लेकर नंबर 10 तक की कंपनियां
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भी 692 अरब डॉलर की मार्केट कैप के साथ चौथे, निवेशक वॉरेन बफे की कंपनी वर्कशायर हेथवे 486 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ पांचवें, मार्क ज़करबर्ग की कंपनी फेसबुक 447 अरब डॉलर की मार्केट कैप के साथ छठे, वितीय सेवाएं देने वाली कंपनी जे पी मॉर्गन 370 अरब डॉलर के साथ सातवें, एफएमसीजी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन 342 अरब डॉलर के साथ आठवें, ऑयल एंड गैस कंपनी एकसॉन 312 अरब डॉलर के साथ नौवें और वित्तीय सेवा देने वाली वेल फार्गो 253 अरब डॉलर के साथ 10वें स्थान पर है। यह कंपनियां अमेरिका की तो सबसे बड़ी कंपनियां हैं ही साथ में दुनिया की भी सबसे बड़ी कंपनियां हैं।