Highlights
- आवक बढ़ने के चलते अब कीमतों में कमी दर्ज की गई है
- गाजीपुर में कीमतें 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक आ चुकी हैं
- नई फसल के लिए लोगों को जनवरी-फरवरी तक इंतजार करना पड़ेगा
देश के कई शहरों में सेंचुरी मार चुकी टमाटर की कीमतें अब घटने की ओर हैं। उत्तर भारत की कई मंडियों में आवक बढ़ने के चलते अब कीमतों में कमी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में थोक बाजार में कीमतें 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक आ चुकी हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उत्तर प्रदेश की गाजीपुर मंडी के एक थोक कारोबारी ने बताया कि, "इस समय टमाटर का रेट मंडी में 20 से 30 रुपए किलो है। कुछ दिन पहले 50-60 रुपए था। अभी टमाटर की क़ीमत कम हो गई है। डीज़ल-पेट्रोल की क़ीमत बढ़ने के कारण भी सब्ज़ियों की क़ीमत बढ़ जाती है।"
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, व्यापक बारिश के कारण कुछ दक्षिणी राज्यों में इसका खुदरा भाव 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। चेन्नई में टमाटर का खुदरा भाव 160 रुपये प्रति किलो, पुडुचेरी में 90 रुपये प्रति किलो, बेंगलुरु में 88 रुपये प्रति किलो और हैदराबाद में 65 रुपये प्रति किलो हो गया है।
क्यों महंगे हुए टमाटर?
टमाटर की खेती करने वाले किसान सोनू यादव बताते हैं कि इस सीजन में टमाटर का भाव प्रति किलो 20 से 30 रुपए रहता है। लेकिन इस समय टमाटर की ज्यादातर सप्लाई दक्षिण राज्यों से हो रही है। इन राज्यों में बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है इस कारण टमाटर के भाव कई गुना बढ़ गए हैं। वहीं शादियों का सीजन शुरू होने से टमाटर की मांग बढ़ी है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से भी टमाटर की खेती कम हुई।
जनवरी-फरवरी से कम हो सकते हैं दाम
थोक सब्जी कारोबारियों का कहना है कि नई फसल के लिए लोगों को जनवरी-फरवरी तक इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि नई फसल 15 अक्टूबर के आस-पास लगाई गई है, जिसे तैयार होने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा। शादियों के सीजन के साथ होटल, रेस्टोरेंट के खुलने के बाद मांग बढ़ती जा रही है।
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश
नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत, 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ करीब 1.975 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। इसके बाद भी यहां टमाटर 100 रुपए के करीब पहुंच गया है।